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मिशन शक्ति एवं आत्मनिर्भर भारत अभियान: सीडीओ सौम्या पाण्डेय की सार्थक पहल, 978 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 10,758 ग्रामीण महिलाओं को जोड़ा

कानपुर देहात। महिलाओं एवं बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में चलाये जा रहे मिशन शक्ति अभियान तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत ‘वोकल फॉर लोकल’ के उद्देश्य को पूरा करने के लिए जिला प्रशासन कानपुर देहात की मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पाण्डेय के सहयोग और मार्गदर्शन में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम ) के तत्वाधान में 978 स्वयं सहायता समूहों का गठन कर 10,758 ग्रामीण महिलाओं को समूह से जोड़ा गया है इसके अंतर्गत समूह की महिलायों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरणा ओजस  कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके अंतर्गत समूह की महिलायों को आर्थिक एवं सामाजिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरणा ओजस  कार्यक्रम चलाया जा रहा है।  

मुख्य विकास अधिकारी सौम्या पांडेय ने बताया कि प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अन्तर्गत बाजार मूल्य से सस्ते सोलर लैम्पों का निर्माण एवं विक्रय कर (रिनेवेबल/सोलर एनर्जी ) 70 समूह की महिलाओं को रोजगार मिला। इसके साथ ही जनपद के सभी सामुदायिक शौचालयों का समूह महिला इकाइयों के माध्यम से रिनेवेबल/सौर ऊर्जा द्वारा विद्युतीकरण कर 5 समूह की महिलाओं को रोजगार मिला है। 

मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि, सीएसआर फण्ड की मदद से संचालित प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण स्कूली बच्चों के उपयोग हेतु बाजार मूल्य से सस्ते सोलर लैंप का निर्माण कार्य ब्लाक मैथा के ग्राम तोडरपुर एवं ब्लाक डेरापुर के ग्राम परौंख में समूह महिला इकाइयों द्वारा किया जा रहा है। जिसके तहत बाज़ार मूल्य से सस्ते सोलर लैंप ग्रामीण स्कूली बच्चो को मात्र 100 रु० में उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि बाजार में सोलर लैम्पों की शुरूआती कीमत 500 रू० है।

ग्राम परौंख, जो कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का पैतृक गांव भी है, में 18 समूहों के अंतर्गत चयनित कर 35-35 महिलाओं को सस्ती कीमत के सोलर लैम्पों के निर्माण व विक्रय के लिए प्रशिक्षण देकर 2 इकाइयाँ स्थापित की गयी है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत समूह की महिलाओं को प्रति लैंप निर्माण का 12 रूपये तथा प्रति लैंप बिक्री का 17 रुपये दिया जाता है, जिससे उनकी आमदनी 250-300 रु० प्रति दिन हो जाती है। लैम्प में खराबी आने पर रिपेयरिंग भी करती है। सीडीओ सौम्या पाण्डेय ने बताया कि अभी तक 2000 सोलर लैम्पों को बना कर ब्लाक के परिषदीय स्कूलों के छात्रों को 100 रू० प्रति लैंप के मूल्य में विक्रय किये जा चुके हैं, जिससे ग्रामीण बच्चों को पठन पाठन में सुविधा हो रही है। इन महिला समूह इकाइयों को सोलर लैम्प विक्रय करने से 2 लाख रु० प्राप्त हो चुके हैं। 

प्रेरणा ओजस कार्यक्रम के सीईओ शैलेन्द्र द्विवेदी ने बताया कि जनपद के शेष ब्लाकों में सोलर लैंप व सौर ऊर्जा से संचालित अन्य उत्पादों को बनाने के लिए  महिला समूह इकाइयाँ स्थापित करने की योजना है। इसके साथ ही वर्तमान समूह में से 10-12 महिलाओं का चयन कर सौर उद्यमी बनाने के लिए ब्लाक के विभिन्न कस्बों एवं बाजारों में प्रेरणा सोलर स्मार्ट शॉप खुलवाने में आर्थिक सहायता एवं प्रशिक्षण प्रदान करने का भी योजना है। उन्होंने यह भी बताया कि जिले के समस्त ग्राम पंचायतो के अन्तर्गत 595 सामुदायिक शौचालय को समूह की महिलायों द्वारा सौर ऊर्जा से विधुतीकरण किये जाने की कार्य योजना तैयार कर ली गई है। 

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