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विमर्श/आलेख

आज है अप्रैल फूल दिवस …जानिए क्यों मनाया जाता है

डॉ. नीरज कुमार आज एक अप्रैल है यानि मूर्ख दिवस। स्कूल के दिनों में हम इस दिन दोस्तों को मूर्ख बंनाने के नये-नये आइडियाज़ खोजते थे। मूर्ख बनाते भी थे और मूर्ख बनते भी थे। बड़ा मज़ा आता था जब दोस्त मूर्ख बन जाते थे। परन्तु आज तो लगता है …

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कानपुर की होली का है खास रंग, जानिए क्यों मनाया जाता है गंगा मेला

डॉ. नीरज कुमार पूरे देश में कानपुर ही एक ऐसा शहर है जहाँ होली सात दिनों तक मनाई जाती है, हालाँकि तेज़ भागती ज़िन्दगी में अब इसका महत्व थोड़ा कम हो गया है। परन्तु दो दिन रंग खेलने की परंपरा आज भी कायम है, होलिका दहन के ठीक बाद और …

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वर्तमान समय की आवश्यकता और रिश्तों की खेती है, आवर्तनशील खेती

जीतू बैरागी    वर्तमान समय मे देश और दुनिया में जलवायु संकट समेत अन्य कई वैश्विक संकट सामने खड़े हैं। इस कारण पृथ्वी के Ecosystem पर तो बुरा असर पड़ ही रहा है, मौसम मे भी उतार-चढ़ाव जारी है जिससे खेती-किसानी सीधे तौर पर प्रभावित होती है। लिहाजा किसान अनिश्चितता …

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अगेती अरहर की वैज्ञानिक खेती

डॉ. अखिलेश मिश्रा, प्राध्यापक (शस्य विज्ञान), दलहन अनुभाग, चंद्र शेखर आज़ाद कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर अरहर हमारे देश की प्रमुख दलहनी फसल है जिसको मुख्य रूप से खरीफ के मौसम में उगाया जाता है। यह फसल दलहन उत्पादन के साथ-साथ वातावरण की नाइट्रोजन को भूमि के अंदर एकत्र करती …

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आज है मानवाधिकार दिवस, जानिए क्यों मनाया जाता है

10 दिसंबर यानी आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस है। पूरे विश्व में प्रतिवर्ष 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है, इस साल भी यह धूमधाम से मनाया जा रहा है। इस साल की थीम- ‘समानता – असमानताओं को कम करना, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाना’ (EQUALITY- Reducing inequalities, advancing human …

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क्यों नहीं बन सके सरदार पटेल प्रधानमंत्री…!

पवन सिंह 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। जवाहरलाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने. क्या उस समय प्रधानमंत्री पद के असली हकदार नेहरू की बजाय सरदार पटेल थे ? क्या सरदार वल्लभभाई पटेल प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते थे ? क्या सरदार पटेल को प्रधानमंत्री नहीं बनने दिया …

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जानिए, इस तरह से असम की छह युवा लड़कियों द्वारा विकसित बायोडिग्रेडेबल मैट झीलों को जलकुंभी के प्रकोप से बचा सकती है

असम के मछुआरे समुदाय की छह युवा लड़कियों द्वारा विकसित बायोडिग्रेडेबल तथा कंपोस्टेबल मैट (चटाई) इस जलीय पौधे को समस्या से संपदा में बदल सकती है। ये लड़कियां मछुआरे समुदाय की हैं जो गुवाहाटी शहर के दक्षिण पश्चिम में एक स्थायी मीठे पानी की झील दीपोर बील, जो रामसार स्थल, …

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विश्व रंगमंच दिवस: ज़िंदगी को जानने, समझने और जीने का हुनर देता है रंगमंच

ड़ॉ. नीरज सचान  रंगमंच से लोगों का पुराना नाता रहा है। जिसने भी रंगमंच के तिलिस्म में कदम रखा, रंगमंच उसकी रग-रग में उतर गया। वो दूर जाकर भी कभी रंगमंच से दूर नहीं हो सका। ठीक वैसे ही, जैसे किसी मयकश के हलक से उतरकर कोई मय, उसकी रग-रग …

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ब्लैक होल एक्रीशन डिस्क से हवाओं की संभावित उत्पत्ति के बारे में अनुसंधान

जैसे ही किसी ब्लैक होल की ओर गैस और धूल गिरती है, वे इसके चारों ओर एक डिस्क बना लेते हैं। डिस्क में इन सामग्रियों का ढेर लगने पर, यह लाखों डिग्री से अधिक तापमान तक गर्म होता है। अंदर की ओर गिरते इन तत्वों का एक अंश हवाओं के रूप में …

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आईआईटी (बीएचयू) में शोध को मिली सफलता, अब हाइड्रोजन से कभी भी, कहीं भी विद्युत का उत्पादन संभव

मेथनाॅल से 99.999 प्रतिशत शुद्ध हाइड्रोजन अलग करने के लिए तैयार किया प्रोटोटाइप वाराणसी। देश में हरित उर्जा संसाधनों से हाइड्रोजन के उत्पादन को बढ़ावा देने और प्रौद्योगिकियों के साथ संयोजन करके भारत को दुनिया में एक अद्वितीय स्थान पर स्थापित करने के लिए भारत सरकार ने महत्वाकांक्षी परियोजना राष्ट्रीय …

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