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दूसरी बार ली योगी आदित्यनाथ ने सीएम और केशव प्रसाद मौर्य ने ड‍िप्‍टी सीएम पद की शपथ, कानपुर नगर से नहीं बना कोई मंत्री

कानपुर नगर। उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी से 7 मार्च 2022 तक सात चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए थे। चुनाव में भाजपा गठबंधन ने 403 में से 273 सीटों पर जीत दर्ज की। 37 वर्षों में यह पहली बार था जब भाजपा लगातार दूसरी बार पूर्ण बहुमत पाया। दस मार्च को नतीजे आने के बाद यूपी में हर ओर कमल खिला हुआ नजर आया। गुरुवार को अमित शाह की मौजूदगी में योगी आदित्यनाथ को भाजपा गठबंधन दल का नेता चुना गया। शुक्रवार को लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी क्रिकेट मैदान में शपथ ग्रहण समारोह में पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की मौजूदगी में 18वीं विधानसभा का शपथ ग्रहण समारोह हुआ। जिसमें दूसरी बार योगी आदित्यनाथ ने सीएम और केशव प्रसाद मौर्य ने ड‍िप्‍टी सीएम पद की शपथ ली और ब्रजेश पाठक ने पहली बार ड‍िप्‍टी सीएम पद की शपथ ली। 

कानपुर नगर से नहीं बना कोई मंत्री 

1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से अब तक 42 वर्ष में उसकी जितनी भी सरकारें बनी हैं, पहला मौका है जब कानपुर नगर के पास कोई मंत्री पद नहीं है। इस बार चुनाव में भाजपा के पास 10 में से छह विधायक थे। लेकिन किसी को भी मंत्री पद नहीं दिया गया। दूसरी ओर मात्र चार विधानसभा क्षेत्र वाले कानपुर देहात जिले को तीन मंत्री दिए गए हैं। 

भोगनीपुर विधानसभा सीट से जीते राकेश सचान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ

कानपुर देहात के भोगनीपुर विधानसभा सीट से जीते राकेश सचान ने कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली है। वह विधानसभा चुनाव की शुरुआत में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। राकेश सचान की कुर्मी बिरादरी में पकड़ मानी जाती है और कानपुर नगर, देहात व फतेहपुर जिलों में असर है। 57 वर्षीय राकेश सचान ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत समाजवादी पार्टी से की थी। उन्हें 1993 में कानपुर के घाटमपुर विधानसभा क्षेत्र से सपा से विधायक चुना गया था। इसके बाद 2002 में उन्हें दोबारा विधायक चुना गया। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने वाले राकेश सचान वर्ष 2009 में फतेहपुर सीट से समाजवादी पार्टी से लोकसभा का  चुनाव जीते। 2014 में यहीं से वह हार गए। वर्ष 2019 में सपा से टिकट नहीं मिलने पर कांग्रेस का दामन थाम कर मैदान में उतरे। हालांकि, केंद्रीय राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के सामने फतेहपुर में लोकसभा सीट पर हार का सामना करना पड़ा था। राकेश की पत्नी सीमा सचान को सिकंदरा से 2017 में सपा से चुनाव लड़ाया गया पर हार मिली। उपचुनाव में भी जीत नहीं मिली। वर्ष 2022 में कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और भोगनीपुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए।

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