कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के कृषि रसायन एवं मृदा विज्ञान विभाग द्वारा ग्राम बेदीपुर में रविवार को एक दिवसीय कृषक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अखिल भारतीय समन्वित शोध परियोजना भोपाल (मध्य प्रदेश) के परियोजना समन्वयक/ प्रधान वैज्ञानिक डॉ अरविंद कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।
इस अवसर पर डॉक्टर शुक्ला ने द्वितीयक एवं सूक्ष्म पोषक तत्व का फसलों में महत्व विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पौधों के सामान्य विकास के लिए 17 पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है। इनमें से किसी एक तत्व की कमी होने पर फसल पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और भरपूर फसल नहीं मिलती है। उन्होंने कहा की कार्बन हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन पौधे हवा एवं जलसे प्राप्त करते हैं। जबकि शेष पोषक तत्व पौधे मृदा से प्राप्त करते हैं। उन्होंने किसानों को बताया कि पोषक तत्व प्रबंधन अवश्य करना चाहिए। जिससे कि मृदा में पोषक तत्वों का संतुलन बना रहे। इसके लिए जरूरी है कि खेतों में गोबर की खाद एवं हरी खादों का प्रयोग अवश्य किया जाए।
इस अवसर पर प्रोफेसर/ समन्वयक डॉ अनिल कुमार सचान ने कृषकों को मृदा के महत्व और उसको प्रदूषण से बचाने के सुझाव दिए। साथ ही किसानों को जैविक खाद, हरी खाद एवं दलहनी फसलों के महत्व के साथ-साथ फसल चक्र अपनाने पर विशेष बल दिया। इस अवसर पर एस सी, एस टी कृषकों को स्पेयर मशीन, प्रक्षेत्र यंत्र जैसे खुरपी, हसिया, फावड़ा, बाल्टी, तसला इत्यादि वितरित किए गए। जिससे किसान पोषक तत्वों का आसानी से फसलों पर छिड़काव कर सकें। इस अवसर पर क्षितिज तिवारी, प्रिंशु सिंह, दीक्षा शुक्ला के अतिरिक्त गांव के सैकड़ों किसानों ने प्रशिक्षण में प्रतिभाग किया।