लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लोगों पर कोरोना महामारी प्रोटोकॉल व लॉकडाउन उल्लंघन में दर्ज हुए तीन लाख से ज्यादा मुकदमों की वापसी का आदेश मंगलवार को जारी कर दिया है। विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा है कि योगी सरकार के इस निर्णय से सामान्य नागरिकों को अनावश्यक अदालती कार्रवाई बड़ी राहत मिलेगी। कानून मंत्री ने बताया कि कोविड -19 प्रोटोकॉल व लॉकडाउन के उल्लंघन में दर्ज मुकदमे वापस लेने के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेट से लिखित रूप से कहा गया है। अब अदालत में दर्ज हो चुके ऐसे मुकदमे वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। यह पहली बार हुआ है कि एक निर्णय से इतनी बड़ी संख्या में मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं।
न्याय विभाग के प्रमुख सचिव प्रमोद कुमार श्रीवास्तव द्वितीय द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005, महामारी अधिनियम-1897 तथा भारतीय दंड संहिता की धारा-188, 269,270, 271 व इससे संबद्ध अन्य कम गंभीर अपराध की धाराओं से संबंधित पूरे प्रदेश में तीन लाख से अधिक अभियोग दर्ज किए गए हैं। शासन ने इन तीन लाख मुकदमों में से, जिनमें आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल हो गए हैं, उन्हें वापस लिए जाने की अनुमति दे दी है। असल में इस मामले में सरकार को यह कार्यवाही तीन महीने में पूरी कर अमल रिपोर्ट इलाहाबाद उच्च न्यायालय को देनी है। अगर इस तरह के मुकदमे वापस नहीं लिए जाएंगे तो संबंधित व्यक्ति को अदालत अधिकतम दो साल की सजा देने व साथ ही जुर्माना लगाने का प्रावधान है।