नई दिल्ली। सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमएस) ने देश भर में कोवि़ड-19 की दूसरी लहर के दौरान अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी के बीच, जर्मनी से ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों और कंटेनरों को आयात करने का फैसला किया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने यह निर्णय ऐसे समय में किया है जब कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच कई राज्यों को चिकित्सीय ऑक्सीजन की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। रक्षा मंत्रालय के प्रधान प्रवक्ता ए भारत भूषण बाबू ने कहा कि जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन उत्पादन सयंत्र एयरलिफ्ट किए जा रहे हैं, इनकी स्थापना कोविड-19 के मरीजों का उपचार करने वाले सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (एएफएमसी) के अस्पतालों में की जाएगी।
प्रत्येक संयंत्र में प्रति मिनट 40 लीटर ऑक्सीजन और 2,400 लीटर प्रति घंटे की उत्पादन करने की क्षमता है। इस दर पर यह सयंत्र 24 घंटे में 20 से 25 मरीजों को ऑक्सीजन प्रदान कर सकता है। इन सयंत्रों का लाभ यह है कि वे आसानी से रखे जा सकते हैं। भारत में एक सप्ताह के भीतर इनके आने की उम्मीद है।
एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय में, रक्षा मंत्रालय ने चिकित्सा सेवाओं में अचानक आई डॉक्टरों की जरूरत को देखते हुए मंत्रालय ने फैसला लिया है कि एएफएमएस शॉर्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के तहत अपने सभी डॉक्टरों की सेवाएं 31 दिसंबर 2021 तक बढ़ा दी हैं। इससे एएफएमएस के डॉक्टरों की संख्या में 238 की बढ़ोतरी होगी और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती मिलेगी।