कानपुर। युवाओं को स्टार्टअप व स्टैंड अप इंडिया योजना के महत्व व उद्देश्य के प्रति जागरूक करने के लिए बुधवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस के सभागार में एक विशेष जन-जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्रालय के क्षेत्रीय लोकसंपर्क ब्यूरो, बांदा, द्वारा आयोजित किया गया। जन-जागरूकता कार्यक्रम में युवाओं को नए विचारों संग देश के आर्थिक विकास में भागीदारी करने हेतु प्रोत्साहित किया गया। साथ ही पंजीकृत संस्था तरंग के कलाकारों द्वारा नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि आयुर्वेदाचार्य डॉ. वंदना पाठक ने कहा कि स्टैंड अप इंडिया योजना की शुरुआत 5 अप्रैल, 2016 को की गई थी। इसका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में निचले स्तरों पर आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन के लिए उद्यमिता को बढ़ावा देना है। इस योजना का उद्देश्य संस्थागत ऋणों का फायदा ऐसे वर्गों तक पहुंचाना है, जहां इनकी पहले पहुंच नहीं थी। इनमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और महिला उद्यमी है, ताकि राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में हिस्सेदारी के लिए उन्हें भी अवसर प्रदान किया जा सके। विश्वविद्यालय की डीन, इंडस्ट्रियल रिलेशन्स प्रो. सुविज्ञा अवस्थी ने कहा कि इन योजनाओं में अब ऑनलाइन पोर्टल पर सरकार ने एक परेशानी मुक्त पंजीकरण प्रणाली स्थापित की है। जिससे आप कहीं भी और कभी भी पंजीकरण कर सकते हैं। स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत सरकारी सहायता आसानी से प्राप्त करने में स्टार्टअप्स को प्राथमिकता मिल रही है। सरकार का ‘स्टार्ट अप इंडिया’ कार्यक्रम देश में नवोन्मेष को बढ़ावा देने के लिए उपयुक्त वातावरण बनाना है। ताकि आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके। देश में बड़े.पैमाने पर रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा सकें। इसके तहत ज़रूरी स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग भी दी जा जाती है। विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ साइंस के निदेशक डॉ. प्रवीण कटियार ने कहा कि स्टार्टअप का अर्थ है देश के युवाओं को बैंकों के माध्यम से वित्त प्रदान करना। जिससे उनकी शुरुआत बेहतर और मजबूती के साथ हो। इस योजना के तहत अनुभवी कंपनियों की तुलना में स्टार्टअप्स के लिए समान अवसर प्रदान करना है। कार्यक्रम में क्षेत्रीय प्रचार अधिकारी, गौरव त्रिपाठी ने बताया कि स्टार्टअप इंडिया योजना के कई लाभ हैं। जैसे काम में आसानी, वित्तीय सहायता, सरकारी निविदा, नेटवर्किंग के अवसर, आयकर लाभ आदि। स्टार्टअप इंडिया योजना में लोगों की आसानी के लिए सरकार ने स्टार्टअप इंडिया हब की स्थापना की है। जहां निगमन, पंजीकरण, शिकायत, हैंडलिंग आदि को आसानी से नियंत्रित किया जाता है। कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि डॉ राजेश कुमार द्विवेदी, निदेशक, महाविद्यालय विकास परिषद ने कहा कि इस योजना में अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों की प्रत्येक शाखा से कम से कम एक अनुसूचित जाति के उधारकर्ता या अनुसूचित जनजाति के उधारकर्ता तथा एक महिला उधारकर्ता को 10 लाख रुपए से एक करोड़ रुपए के बीच ऋण सहायता प्रदान करना है। ताकि मैन्युफैक्चरिंग, सेवा तथा व्यापार क्षेत्र में ग्रीनफील्ड उद्यम स्थापित किया जा सके। इसमें आर्थिक सशक्तिकरण और रोजगार सृजन पर विशेष ध्यान देते हुए जमीनी स्तर पर उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाता है। इस योजना का विस्तार, वर्ष 2025 तक किया गया है।
जन-जागरूकता कार्यक्रम में स्टार्ट अप्स छात्रों, आदर्श प्रकाश श्रीवास्तव, संजय कुमार, विपुल मदेशिया, रितिका दास, वंशिका मौर्या, सचिन सागर, सूर्यांश प्रताप सिंह, सार्थक तिवारी, श्रीधर आनंद तिवारी, एयांशी तोमर, ओजस्वी सिंह राठौर, अंजलि त्रिपाठी, आनंदिता रे, राहुल दीक्षित, ज्ञानेन्द्र कुमार मौर्य, अदिति कटियार, आशुतोष शाक्य, स्मृति पाल, सुरेंद्र कुमार पटेल, शिवम गोस्वामी, अभिषेक कुमार, ऋषभ यादव, तुषार त्रिवेदी, प्रियंका सिंह और रुखसार परवीन को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के इनोवेशन अधिकारी अनिल कुमार त्रिपाठी, क्षेत्रीय लोक संपर्क ब्यूरो के तकनीकी सहायक अशोक कुमार विश्वकर्मा व अन्य लोग उपस्थित थे।