मुंबई। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आज जोर देकर कहा कि डिजिटल तकनीक प्लेटफॉर्म्स ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने और शासन में भ्रष्टाचार मुक्त माहौल बनाने में एक अहम भूमिका निभाई है। मुंबई में एक निजी टीवी नेटवर्क द्वारा आयोजित एक डिजिटल मीडिया कॉनक्लेव को संबोधित करते हुए केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा, ओटीटी पर नए दिशानिर्देशों के माध्यम से सरकार ने विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म्स, चाहें इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट या डिजिटल मीडिया कोई भी हों, को एक समान अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किए हैं। यह सिर्फ उचित सहूलियत, स्व-विनियमन के लिए है और इसके पीछे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को नियंत्रित करने का इरादा नहीं है।
कोविड महामारी के दौरान सरकार के डिजिटल मीडिया कुशल कामकाज को याद करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि फैसले लेने में किसी प्रकार की देरी न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए 50 से ज्यादा मंत्रिमंडल की बैठकें वर्चुअल माध्यम से संपन्न हुई थीं। केन्द्र सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से 35 करोड़ लोगों को 13 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि हस्तांतरित की गई। उन्होंने कहा, 12.30 करोड़ किसानों को किसी तरह की गड़बड़ी के बिना सीधे अपने खातों में धनराशि हासिल हुई।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा, एक समय था, जब हमें अपनी खरीद के लिए नकदी का इस्तेमाल करना होता था लेकिन अब हमने बड़ी मात्रा में भुगतान के डिजिटल माध्यमों का इस्तेमाल शुरू कर दिया है, जो काफी सुविधाजनक भी है। अब यह हमारे जीवन का हिस्सा बन गया है, यहं तक कि एक सब्जी विक्रेता भी डिजिटल भुगतान की सुविधा के लिए एक क्यूआर कोड भी रखता है। केन्द्रीय मंत्री ने दीक्षा प्लेटफॉर्म (डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर ऑफ नॉलेज शेयरिंग) का उदाहरण देकर डिजिटल शिक्षा के महत्व और इसे प्रोत्साहन देने की दिशा में हो रहे प्रयासों को रेखांकित किया।