लखनऊ । मध्य प्रदेश के राज्यपाल और लखनऊ से पूर्व सांसद लालजी टंडन का निधन हो गया। वह 85 वर्ष के थे। आज सुबह 05 बजकर 35 मि० पर लखनऊ के मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके बेटे और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टण्डन ने लालजी टंडन के निधन की जानकारी ट्वीटर के माध्यम से दी। आशुतोष टंडन ने ट्वीटर पर लिखा बाबू जी नहीं रहे। बता दें कि लालजी टंडन पिछले काफी वक्त से गंभीर रूप से बीमार चल रहे थे. लखनऊ के मेदांता में वह 14 जून से भर्ती थे । ज्यादातर समय वह वेंटिलेटर पर ही रहते थे। आशुतोष टंडन ने बताया कि उनके अंतिम दर्शन प्रात: 10 :00 बजे से 12:00 बजे तक कोठी नं 9, त्रिलोकनाथ रोड, हजरतगंज पर अपराह्न 12:00 बजे से अपने निवास 64, सोंधी टोला, चौक, लखनऊ पर होंगे । अंतिम यात्रा 4 .00 बजे गुलाला घाट, चौक, के लिए प्रस्थान करेगी। जहाँ पर अंतिम संस्कार 4:30 बजे संपन्न होगा। आशुतोष टंडन ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि करोना आपदा के कारण शासन द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने-अपने घरों से ही पूज्य बाबूजी को श्रद्धा-सुमन अर्पित करें, जिससे कि सोशल डिसटेंसिंग का पालन हो सके।
लालजी टंडन की निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शोक व्यक्त किया। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा कि श्रीलाल जी टंडन संवैधानिक मामलों के अच्छे जानकार थे। उन्होंने अटल जी के साथ लंबे और करीबी संबंध का आनंद लिया। दुख की इस घड़ी में श्री टंडन के परिवार और शुभचिंतकों के साथ मेरी संवेदनाएं हैं।लालजी टंडन की गिनती भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में रही । मध्य प्रदेश से पहले वह बिहार के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं. लालजी, अटल बिहारी बाजपेयी के करीबियों में माने जाते थे। जब पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी ने सक्रिय राजनीति से दूरी बना ली तो टंडन ने लखनऊ सीट से चुनाव लड़ा था। 2009 में उन्होंने रीता बहुगुणा जोशी को लखनऊ सीट से हराया था।