कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों की दक्षता वृद्धि, विकास हेतु विस्तार दृष्टिकोण क्रियाविधि और कटाई उपरांत तकनीकी विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन सह निदेशक प्रसार डॉ. पी. के. राठी की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि अध्यक्ष एवं प्राध्यापक भूमि संरक्षण एवं जल प्रबंधन विभाग के डॉक्टर मुनीष गंगवार उपस्थित रहे। डॉ. गंगवार ने अपने संबोधन में कहा कि तकनीकी हस्तांतरण में प्रसार संसाधनों का बहुत ही बड़ा योगदान है। अतः वैज्ञानिक नए प्रसार- प्रचार माध्यमों के प्रयोग से नवीनतम तकनीक कृषकों तक पहुंचाने का प्रयास करें। उन्होंने कहा की कटाई उपरांत तकनीक अपनाकर कृषक अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। डॉ. गंगवार ने कृषि में एग्री स्टार्टअप की संभावना पर भी प्रकाश डाला।
एचबीटीयू के बायोकेमिकल इंजीनियरिंग के अध्यक्ष डॉक्टर बृजेश सिंह ने पोषण सुरक्षा पर चर्चा करते हुए बताया कि देश में 50% महिलाएं एवं बच्चे को कुपोषण से प्रभावित हैं। जिसके लिए गुणवत्ता युक्त अनाज दालों फल सब्जियों का प्रयोग कर कुपोषण से बचा जा सकता है। भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. देवराज मिश्रा ने कृषि विज्ञान तकनीकी बढ़ाने में आईसीटी के प्रयोग एवं प्रभाव पर विस्तार से चर्चा की। प्रशिक्षण प्रभारी डॉ. एस. बी. पाल ने दो दिवसीय कार्यक्रम की रूपरेखा विस्तार से बताते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न विषयों को समाहित किया गया है। अतिथियों को धन्यवाद सह निदेशक प्रसाद डॉक्टर सुभाष चंद्रा द्वारा दिया गया। इस अवसर पर डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉक्टर सोहन लाल वर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।