कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में चल रहे चार दिवसीय भारतीय बागवानी सम्मेलन के चौथे एवं अंतिम दिन रविवार को कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम हुआ। इस संवाद कार्यक्रम में जनपद कन्नौज, फतेहपुर एवं कानपुर देहात के कृषकों ने भागीदारी की। दूरदराज के जनपदों से आए किसानों ने अपनी खेती करने के तौर-तरीकों को वैज्ञानिकों के समक्ष बताया कि वे वैज्ञानिकों द्वारा बताई हुई तकनीकों का अपने खेतों में प्रयोग कर रहे हैं। जिससे उन्हें खेती में आशातीत लाभ मिल रहा है। इसी क्रम में जनपद फतेहपुर के गांव औंग के किसान राम सिंह पटेल ने बताया कि वह 1 एकड़ खेत में सघन पद्धति से लहसुन, पपीता, मक्का, परवल आदि की खेती कर प्रति एकड़ प्रति वर्ष ₹5 लाख से भी ज्यादा की आय प्राप्त कर रहे हैं। जिसे किसानों एवं वैज्ञानिकों ने सराहा। इस अवसर पर कुलपति डॉ. डी.आर.सिंह ने कृषक राम सिंह पटेल को अंग वस्त्र एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित भी किया। कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने की। जबकि मुख्य अतिथि राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक कानपुर नगर एवं देहात की विकास प्रबंधक सुमन लता जी उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में कुलपति ने अपने संबोधन में कहा कि जिन प्रगतिशील किसानों ने अपनी सफलता की कहानी स्वयं की जुबानी कही है। उसे अन्य किसान भी अपनाएं जिससे उन्हें अधिक से अधिक लाभ प्राप्त हो। इस अवसर पर राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक की प्रबंधक श्रीमती सुमन लता ने अपने संबोधन में कहा कि ग्रामीण एवं कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए बैंक लगातार किसानों को ऋण प्रदान कर रही है। जिससे किसान लाभान्वित भी हो रहे हैं। कृषक वैज्ञानिक संवाद के बाद विदाई सत्र शुरू हुआ जिसमें 4 दिनों से हुई वैज्ञानिक शोध परिचर्चा को संकलित किया गया। तत्पश्चात विश्वविद्यालय के प्रक्षेत्रओं का वैज्ञानिकों एवं कृषकों द्वारा भ्रमण भी किया गया। इस अवसर पर स्थानीय आयोजक सचिव डॉ. एच. जी. प्रकाश, डॉक्टर धनंजय सिंह, मीडिया प्रभारी डॉ. खलील खान एवं समस्त निदेशक, अधिष्ठाता एवं विभागाध्यक्ष सहित अन्य वैज्ञानिक एवं किसान उपस्थित रहे।
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