कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में मंगलवार से दो दिवसीय वैज्ञानिक कार्य क्षमता विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रसार निदेशालय के समन्वयक डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने किया। उद्घाटन अवसर पर उन्होंने कहा कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा निर्देशों के अनुपालन में फसल उत्पादन, मृदा विज्ञान एवं कृषि अभियंत्रण के वैज्ञानिकों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में ज्ञान और निर्णय लेने की क्षमता यह अवधारित करती है कि किस प्रकार मृदा, जल और पूंजी का उपयोग किया जाए। किसानों को नवीन तकनीकी देने एवं तकनीकों का प्रसार करने में कृषि वैज्ञानिकों की महती भूमिका है। उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण का उद्देश्य कृषकों की समस्याओं का पता लगाने और उनका विश्लेषण करने तथा उनकी आय बढ़ाने हेतु कराया जा रहा है। साथ ही आर्थिक और व्यवहारिक शोध की जानकारी इत्यादि है। इस कार्यक्रम में 13 कृषि विज्ञान केंद्रों के 26 वैज्ञानिकों ने प्रशिक्षण प्राप्त की किया।
इस प्रशिक्षण में गेहूं वैज्ञानिक डॉ. सोमवीर सिंह ने गेहूं उत्पादन की नवीन तकनीकों एवं प्रजातियां पर प्रकाश डाला। डॉ. महक सिंह ने तिलहनी फसलों की तकनीक पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. वी.के. वर्मा ने खरपतवार प्रबंधन एवं आईआईपीआर के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र कुमार ने दलहन उत्पादन में नई प्रजातियों का योगदान विषयक जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण समन्वयक डॉ. एस. बी. पाल ने किया। इस अवसर पर डॉ. सुभाष चंद्रा, डॉक्टर धनंजय सिंह, डॉक्टर अनिल कुमार सिंह, डॉ. एस. एल. वर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं वैज्ञानिक उपस्थित रहे।