नई दिल्ली। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने मंगलवार को राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर देश के पत्रकारों को बधाई दी है। पत्रकारों के लिए एक संदेश में अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, ‘सरकार ने नागरिक केन्द्रित संवाद पर जोर दिया है- जिस भाषा में वे समझते हैं और जिस प्लेटफॉर्म के माध्यम से वे पहुंच करते हैं- चाहे वह टीवी समाचार, रेडियो, सोशल मीडिया या ऑनलाइन डिजिटल मीडिया हो।’
उन्होंने कहा, ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस भारत के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाने में मीडिया और प्रेस की भूमिका को दर्शाने करने का दिन है। मीडिया एक प्रहरी है और भारत जैसे एक सशक्त लोकतंत्र में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका भी है।’
फर्जी खबरों के खिलाफ सामूहिक लड़ाई का आह्वान करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा, इस दिन मैं अपने मीडिया के मित्रों से अफवाहों और फर्जी खबरों के खतरे को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने का आह्वान करता हूं। भारत सरकार ने अपनी ओर से पीआईबी में फैक्ट चेक यूनिट की स्थापना जैसे उपाय किए हैं, जिसने लोकप्रियता हासिल की है।
क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय प्रेस दिवस ?
राष्ट्रीय प्रेस दिवस, प्रेस की स्वतंत्रता एवं जिम्मेदारियों की ओर हमारा ध्यान आकृष्ट करता है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य प्रेस की आजादी के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाना है। साथ ही यह दिन अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बनाए रखने और उसका सम्मान करने की प्रतिबद्धता की बात करता है। प्रेस की आजादी के महत्व के लिए दुनिया को आगाह करने वाला ये दिन बताता है कि लोकतंत्र के मूल्यों की सुरक्षा और उसे बहाल करने में मीडिया अहम भूमिका निभाता है। वैसे भारत में प्रेस की स्वतंत्रता भारतीय संविधान के अनुच्छेद-19 में भारतीयों को दिए गए ‘अभिव्यक्ति की आजादी’ (Right to Expression) के मूल अधिकार से सुनिश्चित होती है।
दरअसल, प्रथम प्रेस आयोग ने भारत में प्रेस की स्वतंत्रता की रक्षा एवं पत्रकारिता में उच्च आदर्श कायम करने के उद्देश्य से एक प्रेस परिषद की कल्पना की थी। परिणाम स्वरूप 4 जुलाई, 1966 को भारत में प्रेस परिषद की स्थापना की गई, जिसने 16 नवंबर, 1966 से अपना विधिवत कार्य शुरू किया। तब से प्रतिवर्ष 16 नवंबर को ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। ‘राष्ट्रीय प्रेस दिवस’ पत्रकारों को सशक्त बनाने के उद्देश्य से स्वयं को फिर से समर्पित करने का अवसर प्रदान करता है।