कानपुर देहात। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के कुलपति डॉक्टर डी. आर. सिंह के निर्देश के क्रम में शनिवार को विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग द्वारा ग्राम सेरुआ विकासखंड सरवनखेड़ा में एक दलहन रबी गोष्ठी आयोजित की गई। इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉ. हरीश चंद्र सिंह ने किसानों को फसल बुवाई पूर्व मृदा परीक्षण के बारीकियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। दलहन वैज्ञानिक डॉक्टर ए.के. श्रीवास्तव ने दलहनी फसलों जैसे चना, मसूर आदि की उन्नतशील प्रजातियों के बारे में विस्तार से किसानों को बताया। उन्होंने मसूर की उन्नतशील प्रजाति केएलबी 245, के एल एस-122, केएलबी-303 के बारे में किसानों को जानकारी दी।
इस अवसर पर मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने किसानों को जैविक खाद प्रयोग करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि दलहनी फसलों में जैव उर्वरकों के प्रयोग करने से पचीस प्रतिशत तक वृद्धि होती है। इस अवसर पर डॉ. अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने फसलों में लगने वाले कीट एवं रोग प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी तथा किसानों द्वारा पूछे के विभिन्न प्रकार के प्रश्नों का उत्तर दिया। डॉक्टर शशिकांत ने पशुओं में लगने वाले विभिन्न रोग एवं उनके पोषण के बारे में किसान एवं पशुपालकों को विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर मसूर एवं मटर फसल की उन्नतशील प्रजातियों का कृषकों में प्रदर्शन हेतु वितरण भी किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला संयोजक मनीष बाजपेई ने की। जबकि मुख्य अतिथि सहसंयोजक केशव सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे वैज्ञानिकों द्वारा बताई गई तकनीकों को अपनाएं जिससे हुए अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकें। कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. खलील खान द्वारा किया गया। इस अवसर पर विनोद सिंह परिहार, राम कुमार, मनोज सहित क्षेत्र के 1 सैकड़ा से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया।