लखनऊ। कोविड -19 के दौर में हम सब अपने-अपने घरों में लॉक्ड हैं, परन्तु हमारा मन आज़ाद है। हमें सोचना होगा कि पत्रकारिता के नए आयाम क्या हो सकते हैं ? यह बात मशहूर टीवी कार्यक्रम ‘सुरभि’ के प्रस्तोता सिद्धार्थ काक ने ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय वेबिनार के पहले दिन उद्घाटन सत्र में कही। उन्होंने कहा कि तकनीक के सहारे हम अपनी बात आसानी से लोगों तक पहुंचा सकते हैं। वर्तमान समय में मोबाइल के माध्यम से रिपोर्टिंग कर सकते हैं, कोई वीडियो शूट कर सकते हैं, छोटी छोटी किल्प्स को जोड़कर फिल्म बना सकते हैं, क्योंकि मोबाइल को तकनीक मिल चुकी है। महामारी के इस दौर में नए अवसर प्रदान करती है यह तकनीक। इस दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार की संयोजक रुचिता सुजय चौधरी और सह सयोंजक डॉ तनु डंग हैं।
अच्छे कार्यक्रम का निर्माण कैसे करें ?
वेबिनार में भाग लेने प्रतिभागियों को सिद्धार्थ काक ने बताया कि अच्छे कार्यक्रम निर्माण के लिए हमें टारगेट ऑडियंस का ध्यान रखना पड़ता है। उन्होंनें कहा कि एक आठ साल का बच्चा आपका कार्यक्रम समझ न पाए तो आपका कार्यक्रम निर्माण सफल नहीं होगा। मनोरंजन के साथ सूचना परक भी होना चाहिए। अगर एंकरिंग करना है तो यह सोच कर करना चाहिए कि आपके सामने कोई आपका सबसे प्यारा मौजूद है।
भविष्य में संभावनाएं
उन्होंने कहा कि आने वाला समय इंडिविजुअल टेलीविज़न का होगा। पत्रकारों कि अपनी ऑडियंस होगी। कार्यक्रमों के वितरण में भी बदलाव होगा। शायद सिनेमा हाल में भी खाली ही रहेंगें। क्योंकि कोरोना के डर से कम लोग ही जाना पसंद करेंगे।
वेबिनार में जहाँ आज के तकनीकी सत्र में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर डॉ0 पी0 शशिकला ने विभिन्न एजेंसीज द्वारा किये गए सर्वे रिपोर्ट्स पर प्रकाश डाला, वहीं कल लखनऊ विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मुकुल श्रीवास्तव प्रतिभागियों को समाचारों में फैक्ट चेकिंग के बारे में बताएंगें। पहले दिन आज पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के शिक्षक डॉ0 नीरज कुमार, डॉ मो0 नसीब, डॉ0 अर्चना सविता सहित देशभर के पांच सौ से ज़्यादा प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
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