कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के संकाय सभाकक्ष में बुधवार को एग्री विजन कार्यक्रम के अंतर्गत कृषि एवं आत्मनिर्भर भारत विषय पर एक दिवसीय विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों एवं पीजी छात्र-छात्राओं के लाभार्थ हेतु भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान कानपुर के प्रधान वैज्ञानिक डॉक्टर सी एस प्रहराज एवं वैज्ञानिक डॉक्टर रिवाना सिद्धा के व्याख्यान आयोजित किए गए। इस कार्यक्रम में डॉक्टर प्रहराज ने कृषि संरक्षण विषय पर विशेष रूप से दलहनी फसलों की बुवाई से लेकर कटाई अवधि तक की होने वाले संभावित नुकसान के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा आंकड़ों के माध्यम से बताया कि नुकसान के बचाव के तरीके अपनाकर कृषक अपनी आय बढ़ा सकते हैं। जिससे वे आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
इस अवसर पर वैज्ञानिक डॉक्टर सिद्धा ने कृषि उत्पाद प्राप्त हो जाने के बाद से लेकर भंडारण और मूल्य संवर्धन के विषय पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने दलहनी फसलों के मूल्य संवर्धन जैसे दाल बनाना, बेसन बनाकर बिक्री करने से अधिक आए अर्पित करने के तरीकों पर प्रकाश डाला। जिससे उत्पादक वास्तविक मूल्य से डेढ़ गुना अधिक तक आय प्राप्त कर सकते हैं। भंडारण में होने वाले नुकसानो के बारे में विस्तार से भी चर्चा की। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ धर्मराज सिंह अधिष्ठाता कृषि संकाय ने की। कार्यक्रम का संचालन डॉ आनंद स्वरूप श्रीवास्तव ने किया। इस अवसर पर डॉ करम हुसैन, डॉ एच जी प्रकाश निदेशक शोध सहित अन्य संकाय सदस्य तथा छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।