नई दिल्ली। पारादीप पोर्ट ने ‘नाविक: नौवहन के भविष्य के मूल में’ विषय पर मंगलवार 44वां विश्व समुद्री दिवस मनाया। इस अवसर पर पारादीप पोर्ट ट्रस्ट( पीपीटी) में कैप्टन एसी साहू, हार्बर मास्टर ने समुद्री विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों और उड़ीसा मैरीटाइम अकादमी के छात्रों की उपस्थिति में समुद्री साइट कार्यालय में विश्व समुद्री दिवस का झंडा फहराया। कोविड-19 महामारी के संक्रमण के खतरे के कारण, इस वर्ष विश्व समुद्री दिवस का आयोजन सीमित तरीके से किया गया।
इस दिन का महत्व समुद्री क्षेत्र के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के महत्व पर जोर देना और समुद्री सुरक्षा, समुद्री रक्षा और समुद्री पर्यावरण के प्रति इसके योगदान पर जोर देना है। सरल तरीके से यह समझाया जा सकता है कि विश्व के आर्थिक विकास के लिए सुरक्षित, विश्वसनीय और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से वाणिज्यिक समुद्री परिवहन करने के लिए विश्व समुद्री दिवस मनाया जाता है। विश्व समुद्री दिवस पहली बार 17 मार्च, 1978 को अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) के पहले सम्मेलन को लागू करने के अवसर को चिह्नित करने के लिए मनाया गया था। तब से हर साल सितंबर के अंतिम सप्ताह के दौरान विश्व समुद्री दिवस विश्व स्तर पर मनाया जाता है।
हर वर्ष अंतरराष्ट्रीय समुद्री संगठन द्वारा विश्व समुद्री दिवस थीम जारी की जाती है। इस वर्ष विश्व समुद्री दिवस थीम 2021 ‘सीफर्स: शिपिंग के भविष्य के मूल में’ है। (World Maritime day 2021 theme in hindi “Seafarers: at the core of shipping’s future”) इसका मूल लक्ष्य नाविको की दृश्यता की ओर ध्यान खींचना है साथ ही उनके अभूतपूर्व योगदान को सराहना भी इसका उद्देश्य है। क्योंकी समुद्री व्यापार को बढ़ावा देने में नाविक एक अहम भुमिका निभाते हैं। ऐसे में उनके द्वारा झेली जाने वाली समस्याओं को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाया जाएगा।