हिसार। ग्रामीण महिलाओं को सशक्त करने और उन्हें आर्थिक रूप से स्वतंत्र बनाने के एक प्रयास के तहत, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने डेयरी फार्मिंग में महिलाओं के लिए एक देशव्यापी प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रम शुरू किया है। आयोग डेयरी फार्मिंग और संबद्ध गतिविधियों से जुड़ी महिलाओं की पहचान और प्रशिक्षण के लिए पूरे भारत में कृषि विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग कर रहा है। इन गतिविधियों में मूल्यवर्धन, गुणवत्ता वृद्धि, पैकेजिंग और डेयरी उत्पादों का विपणन अन्य शामिल हैं।
परियोजना के तहत पहला कार्यक्रम हरियाणा राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के सहयोग से राज्य के हिसार जिले में स्थित लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम महिला स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के लिए ‘मूल्य वर्धित डेयरी उत्पाद‘ के विषय पर आयोजित किया गया था। परियोजना का शुभारंभ करते हुए, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि वित्तीय स्वतंत्रता महिला सशक्तिकरण के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण भारत की महिलाएं डेयरी फार्मिंग के हर हिस्से में शामिल हैं, फिर भी वे वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में असमर्थ हैं। एनसीडब्ल्यू का लक्ष्य अपनी परियोजना के माध्यम से महिलाओं को डेयरी उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने, उनके मूल्यवर्धन, पैकेजिंग और शेल्फ लाइफ को बढ़ाने तथा उनके उत्पादों के विपणन से जुड़ा प्रशिक्षण देकर सशक्त करना और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने में उनकी मदद करना है।