नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने बुधवार को 6जी तकनीक की अभूतपूर्व क्षमता पर जोर देते हुए इसे 5जी की तुलना में ‘100 गुना अधिक शक्तिशाली’ बताया। संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. चंद्रशेखर पेम्मासानी ने अगली पीढ़ी की 6जी प्रौद्योगिकियों के विकास में वैश्विक स्तर पर नेतृत्व करने के भारत के संकल्प पर जोर दिया। नई दिल्ली में ‘भारत 6जी 2025’ – तीसरे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी को संबोधित करते हुए उन्होंने भारत को प्रौद्योगिकी अपनाने वाले से मानक-निर्धारक बनने वाले देश के रूप में बदलाव पर प्रकाश डाला और सभी हितधारकों से भारत 6जी को केवल तकनीकी प्रयास के रूप में नहीं बल्कि एक राष्ट्रीय मिशन के रूप में देखने की बात कही।
उन्होंने बताया, 5जी बेहद सफल रहा है और 6जी पूरी तरह से अलग नेटवर्क होगा, जो 100 गुना अधिक शक्तिशाली होगा और लेटेंसी कम होकर सब-मिलीसेकंड तक हो जाएगी।
संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी ने जोर देकर कहा कि 6जी एक गेम-चेंजर साबित होगा, जिसमें बिल्ट-इन एआई है, जो उद्योगों और रोजमर्रा की जिंदगी में क्रांति लाएगा।
उन्होंने आगे बताया कि 5जी एप्लीकेशन, जैसे कि हर गांव में वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करना, को शुरुआती दौर में अपनाया गया है, लेकिन 6जी एक बड़ी उपलब्धि होगी।
डॉ. पेम्मासानी ने कहा, 4जी से 5जी में ट्रांजिशन से अलग 6जी की छलांग पूरी तरह से परिवर्तनकारी होगी। उन्होंने स्वीकार किया कि 6जी पहले अर्ली अडॉप्टर्स को आकर्षित कर सकता है, लेकिन उन्हें विश्वास है कि समय के साथ यह तकनीक मुख्यधारा बन जाएगी, जिसमें कई तरह के इनोवेटिव एप्लीकेशन सामने आएंगे।
भारत 6जी 2025 कॉन्फ्रेंस देश की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें न केवल 6जी तकनीक को अपनाना, बल्कि इसके वैश्विक विकास का नेतृत्व भी करना शामिल है।
संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मार्च 2023 में पेश किए गए सरकार के दृष्टिकोण की पुष्टि की, जिसके तहत भारत को 2030 तक 6जी में ग्लोबल लीडर बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। डॉ. पेम्मासानी ने इस बात पर जोर दिया कि 6जी न केवल तकनीकी सीमाओं को आगे बढ़ाएगा, बल्कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और कृषि जैसे क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक प्रगति को भी बढ़ावा देगा।