नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण ने साफ व निष्पक्ष पत्रकारिता की वकालत करते हुए मीडिया घरानों द्वारा सही तथ्यों को लोगों के सामने रखने की बात कही है। न्यायाधीश रमण ने दिल्ली में एक कार्यक्रम में कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता लोकतंत्र की रीढ़ है। पत्रकार जनता के आंख-कान होते हैं। विशेष रूप से भारतीय सामाजिक परिदृश्य में तथ्यों को प्रस्तुत करना मीडिया घरानों की जिम्मेदारी है। लोग अब भी मानते हैं कि जो कुछ भी छपा है वह सच है। उन्होंने कहा, मैं केवल इतना कहना चाहता हूं कि मीडिया को अपने प्रभाव और व्यावसायिक हितों का विस्तार करने के लिए एक उपकरण के रूप में उपयोग किए बिना खुद को ईमानदार पत्रकारिता तक सीमित रखना चाहिए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि केवल बिना व्यावसायिक दृष्टिकोण वाले मीडिया घराने आपातकाल के काले दिनों में लोकतंत्र के लिए लड़ने में सक्षम थे। मीडिया घरानों की वास्तविक प्रकृति का निश्चित रूप से समय-समय पर आकलन किया जाएगा और परीक्षण के समय उनके आचरण से उचित निष्कर्ष निकाला जाएगा।
बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब मीडिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की है. इससे पहले भी वह मीडिया के काम करने के तौर तरीकों पर सवाल उठा चुके हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने मीडिया को लेकर कई बातें कही थीं।