कानपुर। देश में कोरोना संक्रमण की बेलगाम रफ्तार से लोगों का बुरा हाल है इसके साथ ही मरीजों के तीमारदारों के लिए ऑक्सीजन का इंतजाम करना सबसे बड़ी समस्या बनकर सामने आया है। लोगों की इस परेशानी को समझते हुए आईआईटी, कानपुर ने इस समस्या के निदान के लिए पहल की है। आईआईटी इन्क्यूबेटर सेंटर ने मिशन भारत ऑक्सीजन की घोषणा की है। इसके तहत आईआईटी में स्थित इन्क्यूबेटर सेंटर ने जून तक 20 से 30 हजार अत्याधुनिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार करने का लक्ष्य रखा है।
इस अभियान के लिए आईआईटी ने देश के लघु उद्योग और स्टार्टअप कंपनियों से आवाहन किया है। जिन्हें आईआईटी इन्क्यूबेटर सेंटर रॉ मैटेरियल, फंडिंग, मार्केटिंग और तकनीकी सहयोग उपलब्ध कराएगा। निदेशक फर्स्ट, आईआईटी कानपुर श्रीकांत शास्त्री ने कहा कि पिछले साल कोरोना काल में देश को वेंटिलेटर की सबसे ज्यादा जरूरत थी। आईआईटी कानपुर के इन्क्यूबेटर ने एक 20 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठन किया था। जिसने तीन महीने के भीतर वर्ल्ड क्लास पोर्टेबल वेंटिलेटर निर्माण किया था। जो देश के 1200 से अधिक अस्पतालों के आईसीयू रूम में लगाए जा चुके हैं।
इस साल कोरोना की दूसरी वेव के समय देश में ऑक्सीजन की सबसे बड़ी समस्या है। जिसके चलते इस आईआईटी के इन्क्यूबेटर ने मिशन भारत ऑक्सीजन की घोषणा की है। यहां पर देश के विभिन्न एमएसएमई और स्टार्टअप के उत्पादकों के सामने हम खुली चुनौती रख रहे हैं। हम देश भर से ऐसे उत्पादकों को आमंत्रित कर रहे हैं, जो ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के उत्पादन को बढ़ावा दें। इन्हें हम कच्चा माल देंगे, फंडिंग उपलब्ध कराएंगे। इसके साथ ही उत्पाद की मार्केटिंग के साथ तकनीकी सहयोग भी देंगे। जिससे देश के लोगों की जान बचाने के लिए जून महीने तक 20 से 30 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर तैयार किए जा सकें।