नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय के राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने गुरुवार को विनिधानकर्ता शिक्षा और संरक्षण निधि प्राधिकरण (आईईपीएफए) की लघु फिल्म ‘हिसाब की किताब’ के छह मॉड्यूल लॉन्च किए।
‘हिसाब की किताब’ 6 लघु फिल्मों की एक श्रृंखला है, जिसे सीएसई ई-गवर्नेंस द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम के एक भाग के रूप में विकसित किया गया है। प्रत्येक प्रशिक्षण कार्यक्रम में 5 मिनट की अवधि की 6 लघु फिल्में/मॉड्यूल हैं। विभिन्न मॉड्यूल बजट, बचत, बीमा योजनाओं के महत्व, सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं आदि के महत्व पर प्रकाश डालते हैं। मॉड्यूल में रोचक रूप से एक आम आदमी कैसे पोंजी योजना का शिकार हो सकता है और उस पर क्या असर पड़ता है, उसे दर्शाया गया है। इस संदेश के जरिए लोगों को पोंजी योजनाओं से खुद को कैसे बचाना चाहिए, इस जानकारी दी गई। इन लघु फिल्मों का उपयोग आईईपीएफए और इसके सहयोगी संगठन द्वारा देश भर में निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के लिए किया जाएगा। लॉन्च के दौरान सभी 6 मॉड्यूल की अहम बातों को भी प्रदर्शित किया गया ।
लघु फिल्मों को लांच करते हुए राज्यमंत्री ने कहा कि वित्तीय समावेशन भारत सरकार की सर्वोच्च नीतिगत प्राथमिकताओं में से एक है। वित्तीय साक्षरता और शिक्षा, वित्तीय समावेशन, समावेशी विकास और सतत समृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। वित्तीय समावेशन के लिए सरकार द्वारा कई कदम उठाए गए हैं। नतीजतन, आबादी के एक बड़े हिस्से को संगठित वित्तीय क्षेत्र में लाया गया है। इस संदर्भ में, वित्तीय शिक्षा को बढ़ावा देना और उसे मजबूत करना हमारे प्रयास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय (एमसीए) के सचिव राजेश वर्मा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने वर्चुअल लॉन्च कार्यक्रम में भाग लिया।
इस मौके पर वर्मा ने कहा कि आईईपीएफए ने निवेशक संबंधी संदेशों के प्रसार के लिए समय-समय पर नवीन तरीकों की खोज की है। मुझे विश्वास है कि सीएसई ई-गवर्नेंस द्वारा रोचक तरीके से विकसित की गई ये लघु फिल्में ग्रामीण जनता को बजट, बचत, सरकार की विभिन्न योजनाओं और पाठ्यक्रम की बुनियादी अवधारणाओं के महत्व को समझने में मदद करेंगी। जिससे वह खुद को पोंजी योजनाओं से बचाव के तरीके को समझ सकेंगे।