कानपुर नगर। एक निजी महाविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने उत्तरप्रदेश सरकार का चार साल का रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत किया। उपमुख्यमंत्री ने कहा है कि आज आत्मनिर्भर भारत दुनिया को राह दिखा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत ने कोरोना जैसी महामारी से निजात के लिए दो स्वदेशी वैक्सीन तैयार की है। आज दुनिया के तमाम देशों व भारत के नागरिको को यह स्वदेशी वैक्सीन कोरोना जैसी घातक महामारी से सुरक्षा दिलाने के लिए प्रयोग की जा रही है। देश की इस उपलब्धि की पूरी दुनिया में प्रशंसा हो रही है।
डॉ. शर्मा ने योगी सरकार के चार साल के कार्यकाल को स्वर्णिम करार देते हुए कहा कि इनमें आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की ऐसी नींव रखी गई है। जिसके बाद अब प्रदेश हर क्षेत्र में तरक्की के नए कीर्तिमान बना रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य, औद्योगिक विकास बिजली सडक कृषि सहित कोई भी क्षेत्र आज प्रदेश में बहती विकास की बयार से अछूता नहीं है। शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव लाकर ऐसे युवाओं को तैयार किया जा रहा है जो हर प्रकार से दक्ष हो तथा आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महती भूमिका अदा कर सकें। डॉ. शर्मा ने कहा कि पिछली सरकारों ने युवाओं के भविष्य को अंधकारमय बनाने में कोई कसर नहीं रखी थी पर वर्तमान सरकार ने उनके सुनहरे भविष्य के लिए रोजगार की पुख्ता व्यवस्था की है। आज के उत्तर प्रदेश में नौकरी व अवसरों की कोई कमी नहीं है। चार साल में 4 लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरह से सरकारी नौकरी दी गई है। कोरोना जैसे समय में जब गरीब व श्रमिक सबसे खराब दौर में थे उस समय में इन लोगों को सबसे अधिक रोजगार देकर संभालने का काम भी यूपी सरकार ने किया था। आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश कार्यक्रम के जरिए 1.25 करोड रोजगार सृजित कर कोरोना के प्रतिकूल असर से लोगों को उबरने में मदद की गई । मनरेगा के तहत 1.10 करोड श्रमिकों को रोजगार दिया गया। 58758 महिलाओं को बैकिंग सखी करस्पोंडेंट बनाकर ग्रमीण क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराए गए। उन्होंने कहा कि आज का यूपी आईटी के क्षेत्र में बंगलोर जैसे शहरों को टक्कर देने के लिए तैयार है आने वाले समय में नोयडा में बनने जा रहे डाटा सेन्टर में 75 लाख से अधिक रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इसी प्रकार से स्टार्ट अप डिफेन्स कारीडोर ओडीओपी जैसे तमाम क्षेत्रों में रोजगार प्रदान किए गए हैं।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने सत्ता में आने के बाद शिक्षा के ढांचे में आमूलचूल बदलाव किया है। ये क्रान्तिकारी बदलाव ही नए भारत की नई तस्वीर बनाएंगे। माध्यमिक शिक्षा के क्षेत्र में पाठ्यक्रम में बदलाव के साथ ही एनसीईआरटी की पुस्तके लागू की गई जिससे कि प्रदेश के विद्यार्थी भी अन्य विद्यार्थियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें। पिछली सरकार के समय में नकल को लेकर प्रदेश की छवि अत्यन्त खराब हो गई थी। माफियाराज था पर वर्तमान सरकार ने सत्ता संभालने के बाद मात्र तकनीक के प्रयोग व बेहतर प्रबंधन से परीक्षाओं को नकल विहीन बना दिया। आज यूपी अन्य प्रदेशों के लिए उदाहरण बन गया है। इसके लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने के साथ ही वायस रिकार्डर लगाए गए तथा परीक्षाओं की केन्द्रीयकृत मानीटरिंग आरंभ की गई। आज यूपी बोर्ड की परीक्षा सबसे कम समय में सम्पादित कराई जाती है और सबसे पहले परीक्षा परिणाम आता है। कोरोना काल में भी 3 करोड उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराकर जून में ही परिणाम घोषित कर दिया गया। परीक्षा की तिथि भी सत्र प्रारंभ होने के साथ ही घोषित कर दी जाती है। परीक्षा केन्द्रों का निर्धारण भी आनलाइन ही किया जाता है। यह अब एक बदला हुआ प्रदेश है। परीक्षा प्रणाली में सुधार के साथ ही बोर्ड के परीक्षार्थियों की मदद के लिए विशेषज्ञों से शंका समाधान की भी आनलाइन व्यवस्था की गई। छात्र छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने की नीव डालने की प्रक्रिया भी माध्यमिक शिक्षा के स्तर पर ही आरंभ की गई। इस स्तर पर भी कौशल विकास के कुछ कोर्स आरंभ किए गए। माध्यमिक उच्च और बेसिक शिक्षा में शिक्षकों की पारदर्शी भर्ती की गई। प्रदेश में उच्च शिक्षा के विस्तार के लिए 79 राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना की गई तथा आने वाले समय में तीन और विश्वविद्यालय खोलने की प्रक्रिया आरंभ की गई है। सरकार ने 197 राजकीय हाईस्कूल और 51 बालिका छात्रावासों का निर्माण पूर्ण कराया है। 193 इंटर कालेजों का संचालन आरंभ कराया गया है। संस्कृत भाषा को प्रोत्साहन के लिए 1075 संस्कृत माघ्यमिक विद्यालयों में 97.42 छात्र छात्राओं को संस्कृत शिक्षा दी जा रही है। कोरोना काल में भी यूपी में शिक्षा की रफ्तार बनी रही थी। इसके लिए आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की गई। 29 लाख से अधिक व्हाटसअप ग्रुप बनाकर 67 लाख से अधिक विद्यार्थियों को शिक्षा प्रदान की गई। आनलाइन शिक्षण के लिए स्वयंप्रभा चैनल के जरिए भी पढाया गया। इस आनलाइन शिक्षण के लिए 1.48 लाख शिक्षकोंं को प्रशिक्षण भी दिया गया। इसके साथ ही मेधावी छात्रों को सम्मानित भी किया गया। डा शर्मा ने कहा कि सरकार नई शिक्षा नीति के अनुरूप उच्च शिक्षा को नया स्वरूप प्रदान कर रही है। इसमें शोध के साथ नवाचार को प्रोत्साहन दिया जाएगा। विश्वविद्यालयों में करीब 70 प्रतिशत एक समान पाठ्यक्रम के साथ ही औद्योगिक संस्थानों के साथ सहयोग पर बल दिया जा रहा है।
शोध प्रोत्साहन के लिए महायोगी गुरू गोरक्षनाथ शोधपीठ की स्थापना गोरखपुर में की गई है। दीन दयाल उपाध्याय के व्यक्तित्व कृतित्व पर शोघ प्रोत्साहन के लिए दीन दयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना की गई है। शोध कार्यों को शोध गंगा पोर्टल पर अपलोड कराया जा रहा है जिससे कि इसे देशभर में देखा जा सके तथा अनुसरण किया जा सके। कोरोना काल में उच्च शिक्षा के कदम भी नहीं रुके थे। प्रदेश में आनलाइन शिक्षण की व्यवस्था की गई। शिक्षा की गुणवत्ता को सनिश्चित करने के लिए नैक का मूल्यांकन कराया जा रहा है। शिक्षकों के लेक्चर भी आनलाइन उपलब्ध कराए जा रहे हैं। प्रवेश से लेकर अंकतालिका उपलब्ध कराने की प्रक्रिया को आनलाइन किया गया है। सम्बद्धता की प्रक्रिया को भी आनलाइन किया गया है। छात्रों के लिए रोजगारपरक स्किल डेवलेपमेन्ट के कोर्स आरंभ किए गए हैं। अभी हाल ही में सूक्ष्म व लघु उद्यम मंत्रालय के साथ उच्च शिक्षा विभाग ने करार किया है। शिक्षा को रोजगारपरक बनाने के लिए औद्योगिक प्रतिष्ठानों के साथ तालमेल पर भी जोर दिया जा रहा है। नई शिक्षा नीति के तहत उच्च शिक्षा के अन्तर्राष्ट्रीयकरण की दिशा में आगे बढने की योजना है। ऑस्ट्रेलिया इस दिशा में यूपी के साथ करार करने की अभिलाषा जाहिर कर चुका है।
सरकार प्रयासरत है कि अब विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक विश्वस्तरीय शिक्षा भारत में ही मिल सके। इसके लिए उन्हे बाहर नहीं जाना पडे।क्षेत्रीय भाषा के साथ विदेशी भाषा के अध्यापन का कार्य सभी विश्वविद्यालयों में शुरू हो सके । प्रदेश में स्मार्टक्लास की शुरुवात की गई है। प्रदेश के 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों की स्थापना कराई जा रही है। सरकार ने बालिकाओं को स्नातक स्तर तक नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था की है। प्रदेश में उच्च शिक्षा के प्रसार के लिए निजी क्षेत्र में जल्द ही 28 नए विश्वविद्यालय खुलने जा रहे हैं। डा शर्मा का कहना था कि वर्तमान सरकार की कथनी और करनी में कोई अन्तर नहीं है। किसान का हित उसके लिए सबसे पहले है और उनसे किए वायदे पूरे करने में सरकार कभी पीछे नहीं हटेगी। इसका सबसे बडा उदाहरण है कि 86 लाख किसानों के कर्ज की माफी के प्रस्ताव को मंत्रिमंडल की पहली बैठक में मंजूर किया गया और उसे पूरा किया गया। आज प्रदेश में 2.24 करोड किसान प्रधानमंत्री किसान सम्मन निधि का लाभ ले रहे हैं। 1.56 करोड किसानों को क्रिसान क्रेडिट कार्ड , 4 करोड किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड आदि अनेक ऐसे उपाय किए गए हैं जिनसे स्पष्ट है कि वर्तमान सरकार अन्नदाता के कल्याण के लिए हर क्षण कार्य कर रही है। डा शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश आबादी के हिसाब से सबसे बडा राज्य है जो दुनिया में कई देशों से आबादी के हिसाब बडा है। इतना बडा राज्य होने के बाद भी कोरोना जैसी महामारी के काल में जब दुनिया के बडे बडे देश इस बीमारी के आगे पस्त हो रहे थे उस समय में प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में सीएम योगी की सरकार ने ऐसा शानदार प्रबंधन किया कि उत्तर प्रदेश में कोराना का असर न के बराबर रहा । इस प्रबंधन की देश और दुनिया में भी सराहना हुई। प्रदेश में 64 हजार से अधिक कोविड हेल्प डेस्क बनाए गए। टेस्टिग पर फोकस करते हुए उपचार के बेहतरीन प्रबंध किए गए। देश में सर्वाधिक 1.75 लाख कोविड बेड प्रदेश में ही उपलब्ध कराए गए। कोरोना के अलावा प्रदेश में स्वास्थ्य तंत्र को मजबूत किया गया। प्रदेश में 1.18 करोड परिवारों को आयुष्मान योजना के लाभ से कवर किया गया। सरकार ने चार साल में प्रदेश के कोने कोने को बिजली से रोशन किया है। आज प्रदेश के शहरों में 24 घंटे बिजली मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्र में भी बिजली की पर्याप्त आपूर्ति की जा रही है। सौभाग्य योजना मे 1.28 लाख पिरवारों को नि:शुल्क बिजली के साथ प्रदेश में 3 करोड नए बिजली के कनेक्शन दिए गए । उन्होंने कहा कि कभी अपराध के लिए विख्यात रहे यूपी का चेहरा अब बदल चुका है। अब प्रदेश निवेशकों के आकर्षण का केन्द्र बन चुका है। ईज आफ डूईंग बिजनेस में यूपी आज दूसरे स्थान पर है। प्रदेश तेजी से 1 ट्रिलियन इकॉनमी बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश में हुए निवेशक सम्मेलन में 4.78 लाख करोड के करार किए गए तथा 3 लाख करोड से अधिक की परियोजनाएं आरंभ हो चुकी है। 33 लाख लोगों को नई इकाइयों में रोजगार मिला है। ये बदला हुआ यूपी है जो अब देश के अग्रणी राज्यों में शुमार हो रहा है। कोरोना काल में जब दुनिया थम सी गई थी तब भी प्रदेश में 50 हजार करोड से अधिक के निवेश प्रस्ताव आए है। निवेश बढने का बडा कारण कानून व्यवस्था का चाक चौबन्द होना भी है। सरकार ने अपराध के खिलाफ जीरों टालरेन्स की नीति अपनाई जिसके परिणाम अब सबके सामने हैं। विकस की सीढियों को चढने के समय में भी सरकार पर्यावरण संरक्षण के अपने दायित्व को नहीं भूली है। आने वाली पीढी को बेहतर वातावरण देने के लिए 25 करोड पौधो का रोपण किया गया जोकि एक रिकार्ड है। प्रदेश अब तेजी से सूचना प्रौद्योगिकी का हब बनने की ओर भी अग्रसर है। करीब 200 करोड से आईटी पार्क की स्थापना के साथ ही इलेक्ट्रानिक मैन्यूफैक्चरिंग नीति के तहत 40 हजार करोड के निवेश का लक्ष्य रखा गया है। सडके विकास की रफ्तार को कई गुना बढा देती है। इसी लिए सरकार प्रदेश में पूर्वांचल, बुन्देलखण्ड , गंगा , गोरखपुर लिंक व बलिया लिंक एक्सप्रेस वे बनवा रही है। एक्सप्रेस वे से आने वाले समय में विकास को नई रफ्तार मिलेगी। जेवर में बनने वाला एयरपोर्ट प्रदेश में तरक्की का नया द्वार खोलेगा। इसी प्रकार कुशीनगर का एयरपोर्ट पर्यटन को चार चांद लगा देगा।