Breaking News

किसानों की आय बढ़ाने में बकरी पालन की है महत्वपूर्ण भूमिका

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर सोहन लाल वर्मा ने बताया कि खेती और पशु दोनों एक दूसरे के पर्याय हैं। उन्होंने बताया कि खेती कम होने की दशा में किसानों की आजीविका का मुख्य साधन पशुपालन है। गरीब की गाय के नाम से मशहूर बकरी हमेशा ही आजीविका के सुरक्षित स्रोत के रूप में पहचानी जाती रही है। उन्होंने कहा कि बकरी छोटा जानवर होने के कारण इसके रखरखाव का खर्च भी कम होता है। 

डॉक्टर वर्मा ने बताया कि सूखे के दौरान भी इसके खाने का इंतजाम आसानी से हो जाता है।उन्होंने कहा कि बकरी की उन्नतशील प्रमुख नस्लें जैसे जमुनापारी, बरबरी एवं ब्लैक बंगाल प्रमुख है। डॉक्टर वर्मा ने बताया कि डेढ़ वर्ष की अवस्था में बकरी बच्चा देने की स्थिति में आ जाती है। प्रायः एक बकरी एक बार में दो से तीन बच्चे देती है। उन्होंने कहा कि बकरी पालन व्यवसाय को करने में किसी विशेष तकनीकी की आवश्यकता नहीं पड़ती है। साथ ही जरूरत पड़ने पर आसानी से बेचकर नकद धन प्राप्त किया जा सकता है। इनके लिए बाजार स्थानीय स्तर पर ही उपलब्ध होते हैं अधिकतर व्यवसाई गांव से ही बकरी बकरे खरीद कर ले जाते हैं। उन्होंने किसानों को सलाह दी है कि बकरी व्यवसाय अपनाकर खेती के साथ-2 अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

About rionews24

Check Also

उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन ने डॉ. प्रवीण कटियार को फेलोशिप प्रदान की

कानपुर। उत्तर प्रदेश डायबिटीज एसोसिएशन ने शनिवार को 23वीं वार्षिक कांफ्रेंस, यूपीडीएकान 2024, गाजियाबाद, की …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *