नई दिल्ली। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को लेह, केन्द्र शासित प्रदेश लद्दाख में सिंधु संस्कृति सभागार में पांच दिवसीय ‘पहले हिमालयन फिल्म महोत्सव’ का शुभारम्भ किया। फिल्म महोत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75 साल के उपलक्ष्य में हो रहे ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के आयोजन का हिस्सा है। फिल्म महोत्सव में स्थानीय फिल्म निर्माताओं की सक्रिय भागीदारी होगी और 15 हिमालयी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की प्रतिभा का प्रदर्शन किया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हिमालयी राज्यों की विविध संस्कृति है और यहां प्रदर्शन के लिए काफी कुछ है। इन राज्यों के युवाओं को अपनी प्रतिभा के प्रदर्शन के लिए अवसरों की जरूरत है। सिनेमा सभी सांस्कृतिक विविधताओं को एक साथ लाने के लिए एक प्लेटफार्म उपलब्ध कराती हैं। सिनेमा की दुनिया देश की संस्कृति को एक प्रमुख मंच उपलब्ध कराती है। लद्दाख के लोगों के साहस पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि क्षेत्र के लोग हमारी सीमाओं की रक्षा में हमारे वीर जवानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े होते हैं। शेरशाह जैसी फिल्में कई पीढ़ियों तक हमारे जवानों के साहस को याद दिलाती रहेंगी, जो युद्ध में बहादुरी से लड़े थे। ऐसी फिल्में एक अहम योगदान हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जहां पर ओटीटी प्लेटफार्मों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। यह उपलब्धि न केवल बड़े राज्यों के लिए बल्कि देश के छोटे प्रदेशों को भी आगे बढ़ने का एक अवसर प्रदान करती है और जल्द ही भविष्य में लद्दाख को अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोहों में भी पहचान मिलने वाली है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को एक फिल्म प्रशिक्षण संस्थान से जोड़ने की मांग लगातार की जा रही है। इस विचार को जल्द ही लागू किया जाएगा।
उद्घाटन समारोह के दौरान परमवीर चक्र पुरस्कार विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के जीवन पर आधारित फिल्म शेरशाह को भी इसके निर्देशक विष्णुवर्धन और अभिनेता सिद्धार्थ मल्होत्रा की उपस्थिति में प्रदर्शित किया गया।