लखनऊ। यूपी में पिछले दो दिनों में कोरोना मरीजों की संख्या में आई कमी के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में कोरोना के बढ़ते केस को रोकने के लिए लॉकडाउन को 17 मई सुबह सात बजे तक बढ़ा दिया है। इस दौरान नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती कार्रवाई की जाएगी। अपर मुख्य सचिव सूचना नवनीत सहगल ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि यह आंशिक कोरोना कर्फ्यू की तरह होगा। इस दौरान सभी आवश्यक सेवाएं जारी रहेंगी।
दरअसल, पंचायत चुनाव के बाद गांवों में संक्रमण तेजी से पांव पसार रहा है। कर्फ्यू हटाने पर गांवों में संक्रमण में और तेजी आ सकती है। वहीं, 14 मई को ईद का त्यौहार है। ऐसे में, कोई खतरा न लेते हुए लॉकडाउन बढ़ाने का फैसला लिया गया है। सरकार ने सभी जिला प्रशासन को गांवों में वैक्सीनेशन और सैनिटाइजेशन को तेज करने का निर्देश दिया है।
लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं, दवा की दुकान समेत ई-कॉमर्स आपूर्ति को चालू रखा जाएगा। राज्य सरकार ने सरकारी कार्यालयों में कोरोना संक्रमण को देखते हुए एक समय में 33 फीसदी तक ही कर्मियों के रहने की व्यवस्था लागू की है। इसके साथ ही अस्वस्थ होने वाले कर्मियों को घर से काम करने की सुविधा दे दी गई है। मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया है। शासनादेश में कहा गया है कि सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कार्मिकों को कार्यालय आकर और 50 फीसदी को घर से काम करने की सुविधा दी है। नई व्यवस्था के मुताबिक 50 फीसदी कार्मिक कार्यालय में आएंगे तो जरूर, लेकिन एक समय में 33 फीसदी तक ही कार्मिकों की उपस्थित रहेगी। शारीरिक रूप से दिव्यांग कार्मिकों व गर्भवती महिलाओं को घर से काम करने की सुविधा दी गई है। अब वे कार्मिक जो अस्वस्थ हो गए हैं वे घर से ही काम करेंगे। मुख्य सचिव ने सभी विभागाध्यक्षों को भेजे निर्देश में कहा है कि शेष व्यवस्था पूर्व के शासनादेश के आधार पर ही रहेगा। इस आदेश के आधार पर ही कार्यालयों का काम कराया जाएगा, जिससे संक्रमण की संभावना को कम किया जा सके।