कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह द्वारा विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों को जारी निर्देश के क्रम में आज थरियांव स्थित कृषि विज्ञान केंद्र की कार्यक्रम सहायक, गृह विज्ञान डॉ अलका कटियार ने गर्भवती महिलाओं को कोरोना संक्रमण से बचाव एवं सतर्कता विषय पर विस्तार से जानकारी दी। डॉक्टर कटियार ने बताया कि गर्भवती महिलाओं को कृषि कार्य एवं घरेलू कार्य के साथ-साथ अपनी भी देखभाल भी करनी चाहिए। क्योंकि इस समय कोरोना संक्रमण का खतरा गांवो तक बढ़ गया है। ऐसे में उन्हें सजगता के साथ साथ ज्यादा से ज्यादा पौष्टिक आहार लेने की आवश्यकता है। डॉ अलका कटियार ने विस्तार से बताया कि गर्भावस्था में महिलाओं के शरीर में होने वाले परिवर्तन के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। वर्तमान में चल रही महामारी से महिलाओं को बचने के लिए सावधानी ही बचाव का एकमात्र उपाय है। डॉक्टर कटियार ने गर्भावस्था के समय महिलाओं को सलाह दी है कि वे अपने भोजन में साबुत अनाज, ओट्स, सूजी, ज्वार, बाजरा आदि का सेवन अवश्य करें। साथ ही स्टार्च युक्त वाली सब्जियां जैसे आलू, जिमीकंद, शकरकंद, कच्चा केला को भी अपने आहार में शामिल करें ।
वहीं गृह वैज्ञानिक डॉक्टर साधना वैश ने बताया कि गर्भवती महिलाएं अपने आहार में अलग-अलग रंग वाली सब्जियां एवं फलों को शामिल करें। जिससे उनके शरीर में पोषण की मात्रा बढ़ेगी। परंतु यहां ध्यान रखने वाली बात यह है कि फलों व सब्जियों को प्रयोग करने से पहले पानी से अच्छी प्रकार से अवश्य धो लें। डॉक्टर वैश ने कहा कि कोरोना संक्रमण के दौरान गर्भवती महिलाएं प्रोटीन युक्त आहार जैसे सभी प्रकार की दालें,मूंगफली,मटर, बादाम, पनीर, लहसुन, कैथा, इमली आदि को भी अपने आहार में शामिल करें। इसके अतिरिक्त गर्भवती महिलाएं दूध व दूध से बने पदार्थों को भी अपने आहार में प्राथमिकता के तौर पर प्रयोग करें। विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी डॉ खलील खान ने सलाह दी है कि गर्भवती महिलाएं ताजगी भरी तरल पदार्थ जैसे नींबू पानी का शरबत, आम का पना, हरी सब्जियों का रस घर पर ही तैयार करके सेवन करें । इसके अतिरिक्त घर का ही बना सादा भोजन तथा गुनगुने पानी का सेवन करते रहे। उन्होंने कहा कि पौष्टिक नाश्ते के साथ साथ दिन में 3 बार हल्का भोजन लें, खाली पेट कदापि न रहे।