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ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग पर एक दिवसीय कृषक जागरूकता एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

कानपुर नगर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय में गुरुवार को ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण एवं जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में निदेशक प्रसार/समन्वयक डॉ. ए. के. सिंह एवं अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि किसान फसल अवशेषों को जलाए नहीं बल्कि उसका प्रबंधन करें। नई दिल्ली से आए अभिषेक कुमार ने ताप विद्युत संयंत्रों में बायोमास के उपयोग एवं नीति विषय पर किसानों को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। गुजरात से आए मुकेश पटेल ने फसल अवशेषों की गोलियां/छर्रे के निर्माण विषयक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन फसल अवशेषों की गोली बनाकर विद्युत तापीय संयंत्रों में प्रयोग करने से कोयले की खपत कम होती है और विद्युत का निर्माण होता है। विश्वविद्यालय के समन्वयक डॉ. धनंजय सिंह ने फसल अवशेषों के जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फसल अवशेषों में आग लगाने से मृदा में उपस्थित जीवाणु नष्ट हो जाते हैं तथा पर्यावरण भी प्रदूषित होता है। अमृत खटेर ने वर्चुअल बायोमास प्रयोग विशेष जानकारी दी। सह निदेशक प्रसार डॉ. पी. के. राठी ने फसल अवशेष प्रबंधन विषय में विस्तार पूर्वक किसानों को बताया।
इस अवसर पर किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी विशेषज्ञों द्वारा दिए गए। भारत सरकार के विद्युत मंत्रालय के मुख्य अभियंता संजीव कुमार कस्सी ने वर्चुअल रूप से संबोधित किया। राष्ट्रीय विद्युत ताप फरीदाबाद की प्रधान निदेशक डॉ. मंजू ने भी वर्चुअल रूप से किसानों को संबोधन किया। अतिथियों का वर्चुअल स्वागत डॉक्टर एन. बी. कुमार निदेशक प्रशासन राष्ट्रीय विद्युत ताप बदरपुर ने किया। कार्यक्रम का संचालन उप निदेशक राजेश कुमार शुक्ला ने किया। इस अवसर पर अभिनव कुमार, अभिषेक कुमार, अशोक कुमार एवं जनपद कानपुर नगर और देहात के 100 से अधिक महिला एवं पुरुष कृषकों ने प्रतिभाग किया।

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