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न्यू मीडिया के बेहतर इस्तेमाल से समाज को बदला जा सकता है : नरेंद्र नाहटा

मंदसौर। मंदसौर विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग द्वारा गुरुवार को ‘न्यू मीडिया और पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ’ विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। इस वेबिनार में मंदसौर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और प्रसिद्ध शिक्षाविद नरेंद्र नाहटा तथा मध्य प्रदेश सरकार की पत्रिका रोजगार एवं निर्माण के मुख्य संपादक और पब्लिक रिलेशन्स सोसाइटी ऑफ इंडिया भोपाल चैप्टर के चेयरमैन प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह बतौर मुख्य वक्ता उपस्थित रहे। वेबिनार में कुलाधिपति  नरेंद्र नाहटा ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि न्यू मीडिया एक नई संस्कृति को जन्म दे रही है। वहीं इसका असर राजनीति और राजनीति विज्ञान के अध्ययन पर भी सीधे तौर पर पड़ता है। आज युवाओं की दिलचस्पी जितनी न्यू मीडिया पर है उतनी ही पॉलिटिक्स की तरफ भी उनका झुकाव देखने को मिल रहा है। ऐसे में दोनों में सामंजस्य बिठाना मुश्किल होता है। कार्ल मार्क्स, इमैनुअल कांट, के साथ भारतीय राजनीतिक चिंतकों का हवाला देते हुए नरेंद्र नाहटा ने वर्तमान राजनीति पर प्रकाश डाला। न्यू मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। 

दूसरे वक्ता के तौर पर वेबिनार में उपस्थित प्रोफेसर पुष्पेंद्र पाल सिंह ने समाज में न्यू मीडिया के सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर प्रकाश डाला। प्रो.सिंह ने कहा कि सच कई प्रकार का होता है जैसे कि ऐतिहासिक सच, मनोवैज्ञानिक सच, स्वप्रमाणित सच, तथ्यात्मक सच, भावनात्मक सच,आधा सच,गणितीय सच,प्रासंगिक सच।सच को हमें सही संदर्भ में समझने की क्षमता विकसित करनी होगी, तभी हम मीडिया में प्रस्तुत किये गये तथ्यों का सच समझ पाएंगे। महाभारत काल में भी अश्वत्थामा को लेकर एक सच कहा गया था लेकिन उसका उद्देश्य आप सभी जानते है। सच वही है जो समाज के हित में हो। प्रोफ़ेसर पुष्पेंद्र ने सच की राजनीति और राजनीति का सच विषय पर अपनी बात कही।

कार्यक्रम के संयोजक और विभाग प्रमुख डॉ. मनीष जैसल ने कहा कि जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग का उद्देश्य ही मध्य प्रदेश, खासकर मालवा के युवाओं को मीडिया शिक्षा के प्रति जागरूक तथा साक्षर करते हुए उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना है। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग के पाठ्यक्रम, डिग्री तथा सर्टिफिकेट कोर्स चलाये जा रहे हैं। वेबिनार के मुख्य विषय पर अपनी बात रखते हुए डॉ. मनीष ने कहा कि यह दौर सोशल मीडिया का है जहां किसी भी व्यक्ति के लिए करियर के ऑप्शन खुले हैं, ऐसे में पॉलिटिक्स ऑफ ट्रुथ को समझना किसी भी मीडिया अध्ययन के छात्र के अलावा हर किसी के लिए भी जरूरी सिद्ध होगा।

कार्यक्रम में देशभर से करीब 500 से अधिक प्रतिभागी गूगल मीट तथा यूट्यूब लाइव से जुड़े। कार्यक्रम में डीन एकेडमिक्स डॉ. शैलेंद्र शर्मा, डीन एडमिन कर्नल आनंद कुमार, कुलसचिव आशीष पारिक, डीन ऑफ़ आर्ट्स डॉ. लोकेश्वर सिंह जोधाना, जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर सोनाली सिंह, अरुण जायसवाल के अलावा अन्य विभागों की डीन, एचओडी तथा सहायक प्रोफेसर उपस्थित रहे।

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