कानपुर देहात। कृषि विज्ञान केंद्र दलीप नगर में गुरुवार को राष्ट्रीय पोषण माह का समापन हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश सरकार की राज्य मंत्री, महिला कल्याण बाल विकास एवं पुष्टाहार प्रतिभा शुक्ला ने कहा कि पोषण अभियान में सामाजिक सहभागिता जरूरी है। उन्होंने उपस्थित आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से आव्हान किया है कि कोई भी बच्चा व मां कुपोषित न रहने पाए। इस अवसर पर प्रदेश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए संकल्प भी लिया गया।
कृषि विज्ञान केंद्र कानपुर देहात व बाल विकास परियोजना अधिकारी मैथा के संयुक्त प्रयासों द्वारा सितंबर माह में विभिन्न गांवों में गर्भवती, धात्री व बुजुर्ग महिलाओं बढ़ते बच्चों, किशोरियों के पोषण जागरूकता संबंधी कार्यक्रम आयोजित किये गए। कार्यक्रम में केंद्र की वरिष्ठ गृह वैज्ञानिक डॉ. मिथिलेश वर्मा ने बताया की भारत में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह के विचार की शुरुआत 1982 में की गई। जिससे कि एक स्वस्थ और सतत जीवनचर्या में पोषण के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। इसके बाद राष्ट्रीय पोषण मिशन या पोषण अभियान शुरू किया गया ताकि 2022 तक ‘कुपोषण मुक्त भारत’ के लक्ष्य को हासिल करने के लिए पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में उचित शारीरिक विकास में गड़बड़ी एवं जन्म के समय कम वजन को सालाना 2 प्रतिशत और एनीमिया (खून की कमी) को 3 प्रतिशत कम किया जा सके।
केंद्र के वैज्ञानिक अजय कुमार सिंह ने सब्जियों में रसायनों के अंधाधुंध प्रयोग के प्रति आगाह करते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर गृह वाटिका लगाने हेतु प्रेरित किया। डॉ. निमिषा अवस्थी ने आहारीय विकार को लेकर जागरूक करते हुए बताया की आजकल नई पीढ़ी को दुबला होने का अजीब शौक हुआ है। जिससे वे कई तरह की बीमारियों का शिकार हो जाते हैं। संतुलित आहार से कुपोषण को पूरी तरह खत्म किया जा सकता है। डॉ. खलील खान ने कहा की जैसे कुपोषित जमीन से स्वस्थ्य फसल संभव नहीं वैसे ही कुपोषित माता स्वस्थ बच्चे को जन्म नहीं दे सकती। अतः बाजरा, गुड़, चना इत्यादि का सेवन करें। केंद्र के अध्यक्ष डॉ. राम प्रकाश ने कहा की महिला स्वास्थ्य हमारे देश में आज भी चिंता का विषय बना हुआ है। अतः महिलाओं को पूरे परिवार के स्वास्थ्य की चिंता करने के साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना होगा। स्थानीय उपलब्ध संसाधनों से भरपूर पोषण मिल सकता है।
बाल विकास परियोजना अधिकारी मैथा सुमन लता ने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करते हुए कहा की देश का भविष्य आपके हाथों में है और इसीलिए सरकार आपके हाथो को तकनीकी से लैस कर रही है कृपया इनका उपयोग कर उचित सलाह एवं सही सूचना दें। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बाल विकास एंव पुष्टाहार राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने कहा की छोटी बच्चा धीरे सीखता है किंतु सीख जाता है। अतः उसे स्वावलंबी बनाने के लिए प्रेरित करने के साथ पोषण मुक्त होने के लिए प्रेरित भी करें। केंद्र को सुंदर बनाएं घर से सुंदर आपका केंद्र बना लीजिये।
इस अवसर पर 6 गर्भवती मां, अलका पाल रुदापुर, आरती प्रतापपुर, ऊषा जसापुरवा, पूजा रामपुर शिवली, मधु रामपुर शिवली एवं अनामिका ढाकन शिवली की गोद भराई की गई। कार्यक्रम में केंद्र के वैज्ञानिक डॉ. अरुण कुमार, डॉ. शशिकांत, डॉ. विनोद प्रकाश समेत 200 आंगनवाड़ी कार्यकत्री उपस्थित रहीं।