Breaking News

सीएसए विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने किसानों के खेत पर पहुंचकर बताई धान की वैज्ञानिक विधि

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह एवं निदेशक शोध डॉ. हर ज्ञान प्रकाश के निर्देशन में अखिल भारतीय समन्वित शोध योजना एकीकृत कृषि प्रणाली के अंतर्गत ओ एच आर केंद्र थरियांव के चयनित ब्लॉक मलवा व विजयीपुर के 6 ग्रामों में चल रही है। योजना के अंतर्गत प्रयोग संख्या एक के लिए धान बीज प्रजाति पायनियर 27 p 37 को किसानों में वितरण किया गया था। किसानों द्वारा उसकी पौध तैयार कर रोपाई का कार्य चयनित गांव में संपन्न कराया गया। धान की खेती कैसे करें, इसके बारे में तकनीकी जानकारी चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के डॉ. करम हुसैन वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं मौसम वैज्ञानिक डॉक्टर एस.एन. सुनील पांडे एवं डॉक्टर सुधीर प्रताप सिंह द्वारा किसानों को दी गई और उनके खेत में जाकर रोपाई कराई गई।

वैज्ञानिकों ने किसानों को सलाह दी कि धान रोपाई करने के बाद खेत से पानी निकाल दें, क्योंकि खेत में पानी भरा रहने से अधिक तापमान होने के कारण धान की पौध की जड़ें सड़ सकती हैं। जिससे आर्थिक नुकसान हो सकता है। साथ ही खेत पर ही किसानों को सलाह दी कि धान की अच्छी उपज लेने के लिए 100 किलोग्राम नाइट्रोजन, 60 किलोग्राम  फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश आवश्यक है। उन्होंने धान में खैरा रोग के बचाव के लिए जिंक सल्फेट प्रयोग करने की सलाह दी तथा धान की फसल को कीट एवं रोगों से बचाव के लिए समय-समय कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लेते रहें।

About rionews24

Check Also

भारत का मानवाधिकारों पर प्रतिष्ठित दो सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू, 21 प्रदेशों के 80 छात्रों कर रहे हैं प्रतिभाग

नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी), भारत ने 2-सप्ताह का ऑनलाइन अल्पकालिक इंटर्नशिप कार्यक्रम शुरू …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *