मुंबई। छह दशकों से भी ज़्यादा समय तक संगीत की दुनिया को सुरों से नवाज़ने वाली मशहूर गायिका, सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर अब इस दुनिया अलविदा कह दिया है। वह बीते 29 दिनों से मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती थीं। 92 वर्षीय लता मंगेशकर को कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद 8 जनवरी को गहन चिकित्सा इकाई (ICU) में भर्ती कराया गया था। हालांकि कुछ दिन पहले खबर आई थी कि उनकी सेहत में सुधार हो रहा है मगर बीती रात उनकी सेहत अचानक से बिगड़ गई और उन्हें वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया था।
लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर, 1929 को एक मध्यमवर्गीय मराठी परिवार में हुआ था। मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में जन्मीं लता पंडित दीनानाथ मंगेशकर की बड़ी बेटी थीं। उनका पहला नाम ‘हेमा’ था, मगर जन्म के पांच साल बाद माता-पिता ने इनका नाम ‘लता’ रख दिया था। लता अपने सभी भाई-बहनों में बड़ी थीं। मीना, आशा, उषा तथा हृदयनाथ उनसे छोटे थे। उनके पिता रंगमंच के कलाकार और गायक थे और वह एक मशहूर नाम थे।
लता मंगेशकर जब सात साल की थीं, तब वह महाराष्ट्र आईं। उन्होंने पांच साल की उम्र से पिता के साथ एक रंगमंच कलाकार के रूप में अभिनय शुरू कर दिया था। लता बचपन से ही गायिका बनना चाहती थीं। लता के पिता को शास्त्रीय संगीत बेहद पसंद था। इसलिए वह लता के फिल्मों में गाने के खिलाफ थे। 1942 में उनके पिता का देहांत हो गया। इसके बाद उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बिगड़ गई और परिवार चलाने के लिए लता ने मराठी और हिंदी फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं निभानी शुरू कीं। लता ने पहली बार 1942 में मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ के लिए गाना गाया था। उन्होंने 1000 से ज़्यादा फिल्मों के गाना गाया। लता मंगेशकर का पूरा जीवन अपने परिवार के लिए समर्पित रहा। घर के सभी सदस्यों की जिम्मेदारी उन पर थी। लता मंगेशकर को 2001 में सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।