कानपुर। मर्चेंट चैंबर, सिविल लाइंस में संस्था ‘तक्षशिला नाट्य एवं संस्कृति संस्थान’ ने शनिवार को मुंशी प्रेमचंद द्वारा लिखित उपन्यास पर आधारित नाटक ‘रंगभूमि’ का मंचन किया गया। बता दें, यह नाटक संस्कृति मंत्रालय, दिल्ली, भारत सरकार के सहयोग से एक 40 दिवसीय रंगमंच कार्यशाला के उपरांत किया गया। कार्यशाला में नवागंतुक कलाकारों को प्रशिक्षण एवं नाटक की तकनीकी जानकारी दी गई। साथ ही प्रशिक्षण के उपरांत उन्हीं नवागंतुक कलाकारों द्वारा ही अभिनीत नाटक ‘रंगभूमि’ को मंचन हेतु तैयार कराया गया। नाटक में एक जन्मांध सूरदास जो बीघों ज़मीन का मालिक होने पर भी गांव के लोगों के इस्तेमाल और जानवरों के उपयोग हेतु ज़मीन को यूँ ही खाली पड़ा रहने देता है और अपना जीवन यापन भीख मांगकर करता है। साथ ही एक अनाथ बालक को भी पालता है। उसकी जमीन पर एक व्यक्ति जान सेवक की नज़र पड़ती है जो अपने बेटे के लिए एक सिगरेट का कारखाना लगाना चाहता है। जान सेवक को पता चलता है कि सूरदास को जमीन से कोई लाभ नहीं होता है तो पहले स्वयं फिर उस क्षेत्र के राजा को ज़मीन का सौदा करने के लिए लगाता है। लेकिन उनके तमाम राशि देने पर भी सूरदास ज़मीन देने के लिए तैयार नहीं होता है, तो फिर शुरू होती है नौकरशाही, न्यायशाही और कार्यशाही की साजिश…। अंत में सूरदास की मृत्यु के बाद गांव वाले मिलकर साजिश करने वालों को मार देते हैं।
इस नाटक में सूरदास की भूमिका में राम गोपाल ने जीवंत अभिनय किया, वहीँ जान सेवक की भूमिका में सुनील बाजपेई ने शानदार अभिनय किया। बाल कलाकार आर्यन मिश्रा ने भी मिठुआ की भूमिका में दर्शकों का मन मोह लिया। नाटक का निर्देशन डॉक्टर राजेंद्र वर्मा ने, सह निर्देशन श्याम मनोहर तिवारी, के. बी. सक्सेना ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि इंद्र मोहन रोहतगी, वरिष्ठ रंगकर्मी राधेश्याम दीक्षित, रतन राठौर आदि उपस्थित रहे।