कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कैलाश भवन में कुलाधिपति एवं उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में सोमवार को 23 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। इस अवसर पर 61 मेधावियों को 72 पदक एवं पुस्तक पुरस्कार दिए गए। कुल 683 छात्र छात्राओं को उपाधियां प्रदान की गई। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले 13 छात्र छात्राओं को कुलाधिपति स्वर्ण पदक तथा 13 छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय रजत पदक, 13 छात्र छात्राओं को विश्वविद्यालय कांस्य पदक एवं 15 छात्र छात्राओं को प्रायोजित स्वर्ण पदक से नवाजा गया। प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि निधिपति सिंघानिया उपाध्यक्ष जेके ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह ने मेधावियों को पदक दिए। परास्नातक में सर्वोच्च अंक पाने वाले 18 विद्यार्थियों को पुस्तक पुरस्कार दिया गया। इस अवसर पर एक से अधिक पदक प्राप्त करने वालों में सौरभ कुमार बीएससी ऑनर्स (कृषि) को चार पदक, सत्य श्री तेतली एमएससी कृषि को तीन पदक दिए गए। इस अवसर पर जेके ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली के उपाध्यक्ष एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीनिधि पति सिंघानिया को कुलाधिपति द्वारा मानद उपाधि से विभूषित किया गया। राज्यपाल एवं कुलाधिपति द्वारा इस अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालय रावतपुर नवीन के 25 छात्र-छात्राओं को पुस्तकें, दलिया, पेन, फल एवं बैग आदि भेंट किए गए। साथ ही प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं को भी फल आदि देकर सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि श्री निधिपति सिंघानिया उपाध्यक्ष जेके ऑर्गेनाइजेशन नई दिल्ली ने सभी पदक व उपाधि प्राप्त छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं दी। उन्होंने गुणवत्ता युक्त कृषि उत्पाद के लिए कृषि विविधीकरण पर बल दिया तथा कहा कि मृदा में जीवांश कार्बन बढ़ाकर तथा कृषि लागत को कम करने के लिए कृषि विविधीकरण एक विकल्प है। जिससे किसानों की आय दोगुनी हो।
इस अवसर पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने सभी उपाधि धारकों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शिक्षा एक ऐसा हथियार है जिससे हर जगह विजय प्राप्त की जा सकती है। उन्होंने कहा कि अपनी शिक्षा से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य करें। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सशक्त देश के लिए महिलाओं का सशक्त होना आवश्यक है। भारत सरकार ने स्वयं सहायता समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए उनके 16 लाख खातों में मदद की जा रही है तथा गांव की महिलाएं साक्षर होकर अपनी आय को बढ़ा रही हैं। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए रीढ़ की हड्डी है। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि लागत को कम किया जाए तथा गौ आधारित प्राकृतिक खेती को अपनाया जाए। इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि बाजार से कृषि निवेश किसान भाई न खरीद कर स्वयं के तैयार किया हुआ निवेश प्रयोग करें। जिससे लागत कम हो।
उन्होंने विद्यार्थियों को सीख देते हुए कहा कि पहले वे अपनी स्वयं की खेती में गौ आधारित प्राकृतिक खेती करें जिससे कि अन्य किसान सीख सकेंगे। बच्चों को पोषण युक्त आहार देने से कुपोषण की समस्या से निपटा जा सकता है। मुझे खुशी है कि हरित क्रांति में इस विश्वविद्यालय ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा लिखित तीन पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। जिसमें विश्व विद्यालय वार्षिक प्रतिवेदन शोध निदेशालय द्वारा लिखित, सफलता की कहानी किसानों की जुबानी, प्रसार निदेशालय द्वारा लिखित तथा ऑब्जेक्टिव्स मास्टर ब्लास्टर ऑफ प्लांट पैथोलॉजी डॉ. एस.के. विश्वास द्वारा लिखित पुस्तकों का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर नौशाद खान एवं डॉ. श्वेता यादव ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर विधायक महेश त्रिवेदी, कुलसचिव डॉ. सर्वेंद्र कुमार, जिला प्रशासन के अधिकारीगण, सभी अधिष्ठाता गण, निदेशक गण, विभागाध्यक्ष एवं सभी संकाय सदस्य एवं बोर्ड के सम्मानित सदस्य उपस्थित रहे।