कानपुर। छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के 39वें दीक्षांत समारोह के अंतर्गत आयोजित दीक्षोत्सव सप्ताह में पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग द्वारा “नई शिक्षा नीति: अवसर और चुनौतियाँ” विषय पर माननीय कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की प्रेरणा और मार्गदर्शन में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमें प्रथम स्थान पर एमएजेएमसी के छात्र आदित्य सिंह, द्वितीय स्थान पर बीएजेएमसी के छात्र शिवेंद्र सिंह और तृतीय स्थान पर पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान विभाग की छात्रा श्रेया तिवारी रहीं।
मुख्य अतिथि द्रोपदी यादव ने अपने संबोधन में नई शिक्षा नीति के महत्व पर प्रकाश डाला और इसे भारतीय शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन बताया। उन्होंने बताया कि नई शिक्षा नीति छात्रों के विकास के लिए अनेक अवसर प्रदान करती है, लेकिन इसके साथ ही कुछ चुनौतियाँ भी हैं, जिन्हें पहचानना और दूर करना आवश्यक है।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि डॉ. कुलदीप सिंह चौहान ने नई शिक्षा नीति 2020 के संबंध छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 शिक्षा जगत के लिये नये प्रयोगों के साथ व्यवहारिक ज्ञान के लिये विशेष महत्व पूर्ण है. अध्ययन अध्यापन के लिये नवीन अवसर प्रदान करती है जिससे समाज में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक अवसर प्रदान करने में सहायक है।
विभागाध्यक्ष डॉ. योगेंद्र कुमार पांडेय ने अपने विचारों में कहा कि नई शिक्षा नीति छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने और उनकी रचनात्मकता को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई है। उन्होंने छात्रों को प्रेरित किया कि वे इस नीति का लाभ उठाते हुए अपनी प्रतिभाओं को निखारें।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. जितेंद्र डबराल ने कहा कि शिक्षा व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। कार्यक्रम की समन्वयक डॉ. रश्मि गौतम ने कहा कि शिक्षा हमारे जीवन की प्रमुख धुरी है जिससे जीवन मूल्यों को सकारात्मक दिशा मिलती है और साथ ही साथ नई शिक्षा नीति जीवन यापन के संसाधन उपलब्ध कराने में सहायक है. जिन्होंने सभी उपस्थित छात्र छात्राओं का मार्गदर्शन करते हुए प्रतियोगिता की सफलता के लिए शुभकामनाएँ दीं। कार्यक्रम में प्रेम किशोर शुक्ला ने धन्यावाद ज्ञापन किया और कहा कि शिक्षा केवल जीवन यापन का ज़रिया ही नहीं है बल्कि ज्ञान का आभार भी है जो नई शिक्षा नीति 2020 के कारण ही संभव है।
इस कार्यक्रम में डॉ. ओम शंकर गुप्ता, डॉ. दिवाकर अवस्थी, डॉ. विशाल शर्मा, सागर कनौजिया, छायाचित्र हेतु रतन कुशवाहा, सफल संचालन हेतु शिवेंद्र सिंह, स्वाति, स्नेहा एवं अन्य छात्र-छात्राएँ भी मौजूद रहे। जिन्होंने नई शिक्षा नीति पर अपनी राय प्रस्तुत की और विचारों का आदान-प्रदान किया।