नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार ने कहा है कि भारत बेहतर अवसरों के लिए स्थायी, दीर्घकालिक प्रतिबद्धता के माध्यम से महिलाओं और कमजोर वर्ग के लोगों सहित सभी युवाओं के लिए रोजगार परिणामों में सुधार के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सरकार शिक्षा और रोजगार के बीच सेतु को बेहतर बनाने और युवाओं को काम के भविष्य के लिए तैयार करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। युवाओं के उत्थान के लिए कौशल विकास, रोजगार सृजन और उद्यमिता कार्यक्रमों के माध्यम से अनेक नीतियां और योजनाएं प्रारंभ की गई हैं।
गुरुवार को श्रम और रोजगार मंत्रालय और यूनिसेफ के बीच हस्ताक्षर किए जाने के बाद उन्होंने कहा कि मंत्रालय, यूनिसेफ और संबद्ध नेटवर्क सदस्यों की शक्ति का लाभ उठाते हुए हम आशा करते हैं कि देश के भविष्य में योगदान और देश के भविष्य को स्वरूप देने के लिए हमारी युवा पीढ़ी को काफी विकल्प मिल सकेंगे। हमारे युवाओं को प्रासंगिक कौशल और मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए मंत्रालय और यूनिसेफ के बीच साझेदारी के विचार की सराहना करते हुए गंगवार ने कहा कि यह सहयोग नीति निर्माताओं सहित युवाओं और अन्य हितधारकों के बीच प्रत्यक्ष संवाद और फीडबैक व्यवस्था को सुगम बनाने के लिए एक प्रारंभिक बिंदु है।
उन्होंने कहा कि 2015 में लॉन्च की गई नेशनल करियर सर्विस (एनसीएस) युवाओं के रोजगार और करियर की जरूरतों को पूरा करती है। इसमें रोजगार से जुड़ी कई तरह की सेवाएं जैसे करियर काउंसलिंग, वोकेशनल गाइडेंस, स्किल डेवलपमेंट कोर्सेज की जानकारी, अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप आदि प्रदान की दी गई हैं।
श्रम और रोजगार राज्य मंत्री ने आशा व्यक्त की कि अगले तीन वर्षों में यूनिसेफ और श्रम एवं रोजगार मंत्रालय दोनों ही सहयोग और भारतीय युवाओं के सशक्तिकरण के क्षेत्रों में बड़ी उपलब्धि हासिल करेंगे ताकि भविष्य का सामना आत्मविश्वास के साथ किया जा सके। इस अवसर पर सचिव (श्रम एवं रोजगार) श्री अपूर्व चंद्रा, विशेष सचिव (श्रम एवं रोजगार) एवं डीजीई अनुराधा प्रसाद, यूनिसेफ की कंट्री प्रतिनिधि डॉ. यास्मीन अली हक और मंत्रालय तथा यूनिसेफ इंडिया के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।