कानपुर नगर। थीम ‘ट्रांसेंडिंग ऑरिजिंस’ के साथ शुक्रवार को टेककृति के 28वें संस्करण की शुरुआत हुई। जो 24 से 27 मार्च तक निर्धारित है। पहले दिन 24 मार्च को कहा गया कि सभी वर्षों में फलते-फूलते, टेककृति आगे बढ़ा है और अब तकनीकी सीमा के सकारात्मक किनारे पर खड़ा है, जो अस्तित्व की मौलिक संरचना का वर्णन करता है। ट्रांसेंडेंस न केवल व्यक्तिगत परिवर्तन के लिए बल्कि जातीय रूढ़ियों और पूर्वाग्रहों का सामना करने के लिए भी द्वार खोलता है। उद्घाटन में मुख्य अतिथि, आईआईटी कानपुर के छात्र मामलों के डीन, प्रोफेसर सिद्धार्थ पांडा ने शिरकत की।
25 मार्च, 2022 को दोपहर 3 बजे बैंकिंग में तकनीकी परिवर्तन पर शुरू हुई। वक्ता थे संजीव कुमार, क्षेत्रीय प्रमुख, यूनियन बैंक ऑफ कानपुर। संजीव कुमार ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बैंकिंग में प्रौद्योगिकी की भूमिका समावेशी या अनन्य नहीं है, बल्कि इसका एक हिस्सा है और वह प्रौद्योगिकी के बिना बैंकिंग के बारे में नहीं सोच सकता। उन्होंने 80 और 90 के दशक में हुए क्रमिक परिवर्तनों के बारे में विस्तार से बताया। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने तकनीकी परिवर्तनों को कैसे अपनाया। चेक को पहचानने और संसाधित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक, ई-बैंकिंग- बैंकिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग, व्हाट्सएप बैंकिंग, वित्तीय समावेशन- एक्सेस के अवसरों की समानता, वित्तीय सेवाओं के बारे भी चर्चा हुई। उत्साही छात्रों के एक समूह द्वारा कई प्रश्न पूछे गए। जिनका उत्तर वक्ताओं द्वारा दिया गया।