नई दिल्ली। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि मानक गुणवत्ता के लिए मानदंड निर्धारित करते हैं, जिससे सभी उपभोक्ताओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित होती है। आज नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए महानिदेशक ने फुटवियर और अन्य उत्पादों के लिए भारत सरकार द्वारा हाल में जारी गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों (क्यूसीओ) के महत्व को रेखांकित किया।
बीआईएस के महानिदेशक प्रमोद कुमार तिवारी ने कहा कि चमड़े और अन्य सामग्रियों से बने फुटवियर और सभी पॉलिमर एवं सभी रबर सामग्री से बने फुटवियर के अंतर्गत आने वाले 24 फुटवियर उत्पादों के लिए क्यूसीओ को 1 जुलाई 2023 से लागू कर दिया जाएगा। इसके बाद, इन क्यूसीओ के तहत उत्पादों के विनिर्माण, आयात या बिक्री के लिए बीआईएस लाइसेंस अनिवार्य हो जाएगा। हालांकि, संशोधित विनिर्देशों के अनुसार 5 मानकों के अनुपालन के लिए विनिर्माताओं को 1 जनवरी, 2024 तक छह महीने का और समय दिया जाएगा। इन मानकों को हाल ही में संशोधित किया गया था।
श्री तिवारी ने कहा कि गुणवत्ता और प्रामाणिकता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से व्यापार और उद्योग निकायों, उपभोक्ता संगठनों और अन्य संबंधित हितधारक समूहों के प्रतिनिधियों के साथ परामर्श के बाद ही फुटवियर उत्पादों के मानक विकसित किए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि लघु और सूक्ष्म उद्योगों के लिए अनुपालन को सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से कार्यान्वयन तिथि क्रमशः 1 जनवरी, 2024 और 1 जुलाई, 2024 होगी। उन्होंने यह भी बताया कि दो बीआईएस प्रयोगशालाओं, दो फुटवियर डिजाइन एवं विकास संस्थान (एफडीडीआई) प्रयोगशालाएं और केंद्रीय चर्म अनुसंधान संस्थान (सीएलआरआई) में परीक्षण सुविधाएं तैयार की गई हैं, वहीं फुटवियर परीक्षण के लिए 11 निजी प्रयोगशालाओं को मान्यता दी गई है। विशेष रूप से, सरकार ने हाल ही में प्रमाणित स्टार्ट-अप और सूक्ष्म औद्योगिक इकाइयों के लिए क्यूसीओ के तहत फुटवियर उत्पादों के परीक्षण शुल्क में 80 प्रतिशत कटौती की घोषणा की है।
बीआईएस के डीजी ने यह भी बताया कि कपड़ा मंत्रालय ने 10 अप्रैल 2023 को जियो टेक्सटाइल्स (क्वालिटी कंट्रोल) आदेश, 2023 और प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल्स (क्वालिटी कंट्रोल) आदेस, 2023 जारी किया था। उन्होंने कहा कि 19 जियो टेक्सटाइल उत्पाद और 12 प्रोटेक्टिव टेक्सटाइल उत्पादों को 10 अक्टूबर 2023 से अनिवार्य बीआईएस प्रमाणन के तहत लाया जा रहा है।
महानिदेशक तिवारी ने जोर देकर कहा कि बीआईएस की नवीनतम पहल ‘पब्लिक कॉल फैसिलिटी’ मानकीकरण की प्रक्रिया को अधिक समावेशी बनाने की दिशा में बीआईएस की एक सक्रिय पहल है। उन्होंने कहा कि सभी हितधारकों से विचार, प्रतिक्रिया, सुझाव आदि आमंत्रित करने के लिए आधुनिक संचार तकनीकों का लाभ उठाया जा रहा है। इस उद्देश्य के लिए, एक वर्चुअल संवाद मंच तैयार किया गया है, जो सुबह 10 से 11 बजे तक सभी कार्य दिवसों पर खुला रहेगा। कोई भी व्यक्ति वीसी लिंक- https://tinyurl.com/PublicCF के माध्यम से ‘पब्लिक कॉल फैसिलिटी’ से जुड़ सकता है।
बीआईएस की पहल पर चर्चा करते हुए, तिवारी ने बताया कि बीआईएस ने हाल ही में स्टैंडर्ड क्लबों के परामर्शदाताओं और छात्रों के लिए एक ऑनलाइन एक्सचेंज फोरम मानक रथ का शुभारम्भ किया है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को गुणवत्ता के ब्रांड एंबेसडर के रूप में तैयार करना है। मानक रथ का उपयोग मानक क्लबों के छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी, मानक लेखन और विज्ञान और गुणवत्ता वाले विषयों पर अन्य प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए किया जाएगा।
इसके अलावा, मानक रथ एक ऑनलाइन कक्षा के लिए एक सुविधा प्रदान करेगा जो मानक पहल, सूचनात्मक वीडियो और विशेषज्ञों की लाइव कक्षाओं के माध्यम से लर्निंग साइंस के तहत पाठ योजनाओं तक पहुंच प्रदान करेगा।
महानिदेशक ने कहा कि मानक रथ में छात्रों और परामर्शदाताओं के निरंतर सीखने के लिए रोचक और सूचनात्मक लेखों के लिए एक खंड भी तैयार किया गया है। इसके अलावा, मानक रथ के माध्यम से छात्र और परामर्शदाता भी अपने अनुभव दूसरों के साथ साझा कर सकते हैं, जिस तक www.exchangeforum.bis.gov.in के माध्यम से पहुंचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि मानक रथ में विभिन्न गतिविधियों की शानदार फोटो और वीडियो गैलरी भी मौजूद है।
संवाददाता सम्मेलन के दौरान हाल ही में जारी बीआईएस थीम सॉन्ग ‘मानक गीत’ भी बजाया गया।