- ज़ूम, यूट्यूब और फेसबुक के माध्यम से सूर्य ग्रहण के सीधा प्रसारण की व्यवस्था की गई है।
नई दिल्ली। 21 जून 2020 को भारत के उत्तरी हिस्सों में सुबह 10:25 बजे से वलयाकार सूर्य ग्रहण दिखाई देगा।
सूर्य ग्रहण अफ्रीका, एशिया और यूरोप के कुछ हिस्सों में देखा जा सकेगा। दिलचस्प बात यह है कि ग्रहण का पीक भारत के उत्तरी भाग में दिखाई देगा। जो सुबह 10 बजकर 25 मि० से शुरू होकर 12 बजकर 08 मि० पर अधिकतम ग्रहण और 01 बजकर 54 मि० पर समाप्त हो जायेगा। इससे पहले वलयाकार ग्रहण 26 दिसंबर 2019 को भारत से और आंशिक ग्रहण के रूप में देश के अन्य हिस्सों में देखा गया था। अगला वलयाकार सूर्य ग्रहण भारत में अगले दशक में दिखाई देगा। जो 21 मई 2031 को होगा, जबकि 20 मार्च 2034 को पूर्ण सूर्य ग्रहण देखा जाएगा।
सूर्य ग्रहण तब होता है जब चन्द्रमा सूर्य की आंशिक या पूरी रोशनी को रोक लेता है और उसी हिसाब से आंशिक, वलयाकार और पूर्ण सूर्य ग्रहण होता है। ग्रहण के दौरान चन्द्रमा की छाया पृथ्वी पर पड़ती है और घना अंधेरा छा जाता है जिसे उम्ब्रा और कम अंधेरे वाले क्षेत्र को पेनम्ब्रा के रूप में जाना जाता है। पूर्ण सूर्य ग्रहण सबसे दुर्लभ खगोलीय घटना के रूप में माना जाता है।
डीएसटी के सचिव, प्रोफेसर आशुतोष शर्मा ने कहा, ग्रहण जैसी खगोलीय घटनाएं विज्ञान के बारे में युवाओं को उत्साहित करने और वास्तव में उनके साथ ही बड़े पैमाने पर समाज को समझाने और वैज्ञानिक मनोभावों को पैदा करने के लिए असाधारण होते हैं।
एरीज ने ग्रहण देखने के दौरान क्या करें और क्या न करें, इसको लेकर एक सूची तैयार की है:
क्या करें:
1- ग्रहण देखने के लिए और आंखों को किसी भी नुकसान से बचाने के लिए ग्रहण देखने वाले
चश्मों (आईएसओ प्रमाणित) या उचित फिल्टर्स के साथ कैमरे का इस्तेमाल करें।
2- वलयाकार सूर्य ग्रहण देखने का सबसे सुरक्षित तरीका पिनहोल कैमरे से स्क्रीन पर प्रोजेक्शन या टेलिस्कोप है।
3- ग्रहण के दौरान खाना-पीना, स्नान करना, बाहर जाने में कोई दिक्कत नहीं है। ग्रहण को देखना एक शानदार अनुभव होता है।
क्या न करें:
1- नंगी आंखों से सूरज को न देखें।
2- ग्रहण देखन के लिए एक्स-रे फिल्म्स या सामान्य चश्मों (यूवी सुरक्षा वाले भी नहीं) का इस्तेमाल न करें।
3- ग्रहण देखने के लिए पेंट किए ग्लास का भी इस्तेमाल न करें।
4- इस ग्रहण को देखने से न चूकें।