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कृषि

हो सकती है कम पानी में भी धान की अधिक पैदावार:- डॉक्टर संजीव कुमार

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के सस्य विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि अब किसान कम पानी में भी धान की अधिक पैदावार कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि उनके निर्देशन में पिछले 2 वर्षों से शोध कार्य कर रहे शोध छात्र रामनरेश …

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इस प्रकार करें असली और नकली उर्वरकों की घरेलू स्तर पर पहचान, जानिये : डॉ.खलील खान

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर.सिंह द्वारा जारी निर्देश के क्रम में शुक्रवार को मृदा वैज्ञानिक डॉ. खलील खान ने किसानों को एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि असली एवं नकली उर्वरकों की पहचान घरेलू स्तर पर स्वयं कर सकते हैं। मृदा वैज्ञानिक डॉक्टर खलील …

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संरक्षित खेती पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन हुआ, वैज्ञानिकों, शोधार्थियों व कृषकों ने किया प्रतिभाग

कानपुर। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) अटारी जोन 3 कानपुर द्वारा संरक्षित कृषि पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। निदेशक डॉ.अतर सिंह द्वारा बताया कि संरक्षित कृषि के अन्तर्गत ग्रीन हाउस व पॉली हाउस आदि के माध्यम से घटती जमीन एवं वातावरण के बदलते परिवेश में सब्जी का उत्पादन …

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सगंधीय फसल (सिट्रोनेला) के साथ सह फसली खेती लाभप्रद : डॉ. आशीष श्रीवास्तव

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के शस्य विज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने सिट्रोनेला ग्रास जैसे सौगंधीय पौधों के साथ अंत: फसली खेती के लिए किसानों को एडवाइजरी दी है। जिससे किसानों की आय में इजाफा हो। डॉक्टर श्रीवास्तव ने बताया कि इस विधि से खेती …

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दालों एवं सब्जियों के अल्पतम प्रसंस्करण में नवाचार पर प्रशिक्षण

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में कास्ट एन सी परियोजना के अंतर्गत हार्वेस्ट प्लस वैल्यू एडिशन एवं बायोफोर्टिफिकेशन में मुख्य दलों एवं सब्जियों के अल्पतम प्रसंस्करण में नवाचार विषय पर एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें 50 परास्नातक छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग किया। इस अवसर …

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मूंग की वैज्ञानिक खेती इस प्रकार करें : डॉ मनोज कटियार

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह के निर्देश के क्रम में डॉ. मनोज कटियार ने बताया कि मूंग की बुवाई सामान्यतः प्रदेश के सभी जनपदों में की जाती है। किंतु इसका सबसे अधिक क्षेत्रफल झांसी, फतेहपुर, वाराणसी, उन्नाव, रायबरेली तथा प्रतापगढ़ जनपदों में है …

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देर से पकने वाली अरहर की वैज्ञानिक खेती से असिंचित क्षेत्रों में 12 से 16 कुंतल तथा सिंचित क्षेत्रों में 22 से 25 कुंतल प्रति हेक्टेयर उत्पादन संभव : डॉक्टर अखिलेश मिश्रा

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह द्वारा वैज्ञानिकों को जारी निर्देश के क्रम में रविवार को विश्वविद्यालय के दलहन अनुभाग के प्रोफेसर एवं दलहन वैज्ञानिक डॉक्टर अखिलेश मिश्रा ने देर से पकने वाली अरहर की वैज्ञानिक खेती की एडवाइजरी किसानों हेतु जारी की है। …

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तिल की वैज्ञानिक खेती से कमायें लाभ : डॉ महक सिंह

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर डी.आर. सिंह के जारी निर्देश के क्रम में अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर महक सिंह ने बताया कि खरीफ मौसम में तिलहनी फसलों के अंतर्गत तिल की खेती का महत्वपूर्ण स्थान है। तिल की बुवाई …

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बुवाई से पहले बीज की गुणवत्ता ज़रूर जांच लें : डॉक्टर ए.एल. जाटव

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के बीज विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए. एल. जाटव ने विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस के अवसर पर गुरुवार को बताया कि खरीफ फसलों की बुवाई का समय आ गया है। ऐसे में किसान यदि अपने घर का बीज बो रहे …

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ट्राइकोडर्मा का प्रयोग फसलों को रोगों से बचाव का प्रभावी उपाय है : डॉक्टर वेद रत्न

कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के पादप रोग विज्ञान विभाग के प्रोफेसर एवं जैव नियंत्रण प्रयोगशाला के प्रभारी डॉक्टर वेदरत्न ने बताया कि कृषि एवं उससे जुड़े अन्य कुटीर उद्योग धंधे किसानों की आय का प्रमुख साधन होने के साथ-साथ मानव एवं पशुओं के जीवन का एक प्रमुख …

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