आज़ाद सपनों के लिए हर जुबां पे एक ही फ़साना होगा इंकलाब इंकलाब का तराना होगा .. मुल्क को बचाने के लिए क्रांति का बिगुल फिर से बजाना होगा .. अपनी आज़ादी के लिए मिलकर आवाज़ उठाना होगा .. सरकारी तानाशाही के खिलाफ इंक़लाब का नारा लगाना होगा .. खुली …
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