कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय द्वारा इनपुट डीलर्स का प्रशिक्षण कार्यक्रम सफलतापूर्वक चल रहा है। प्रसार निदेशालय के समन्वयक/ निदेशक प्रसार डॉ अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 40 इनपुट डीलर्स प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इन सभी डीलर्स को प्रदेश में स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में पब्लिक/ प्राइवेट पार्टनरशिप के अंतर्गत चल रहे कार्यक्रमों संस्थानों का 6 जगह भ्रमण कराया गया है। पूरे वर्ष इस कार्यक्रम में फसल सुरक्षा, बागवानी सुरक्षा एवं पशुधन सुरक्षा से संबंधित विषयों पर विश्वविद्यालय एवं प्रदेश के विभिन्न संस्थानों के अनुभवी वैज्ञानिकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान बीज उत्पादन प्रक्रिया, बीज विधायक प्रक्रिया एवं बीज बिक्री प्रक्रिया में सावधानी बरतने के बारे में भी अनुभवी बीज वैज्ञानिकों/ अधिकारियों द्वारा चर्चा कराई गई। डॉ सिंह ने बताया कि प्रसार निदेशालय के प्रसार वैज्ञानिकों द्वारा समय-समय पर इनपुट डीलर्स को प्रेरित किया कि स्थानीय किसानों को उनकी समस्या के आधार पर इनपुट डीलर्स के द्वारा सही जानकारी एवं सही कृषि निवेश भी उपलब्ध कराया जाए। क्योंकि गलत बीज, गलत कीटनाशक, या गलत फफूंद नाशक के प्रयोग से किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ सकती है।
इनपुट डीलर्स का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे अश्वनी कुमार कटियार ने बताया कि यहां पर प्रशिक्षण में कृषि तकनीकीयों की बहुत ही बारीकी जानकारियां दी गई हैं। इन कृषि तकनीकों को हम लोग किसानों तक पहुंचाएगे। जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी। इस अवसर पर डॉ जितेंद्र सिंह एवं डॉ एस. बी. पाल ने बताया कि यह कार्यक्रम भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पूरे देश में चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण की मुख्य परीक्षा दिनांक 15 मार्च 2021 को होगी तथा राष्ट्रीय कृषि प्रसार प्रबंधन संस्थान हैदराबाद की मुख्य सलाहकार डॉ मनीषा एवं प्रदेश स्तर पर इस कार्यक्रम के संयोजक राज्य कृषि प्रबंधन संस्थान रेहमानखेड़ा लखनऊ के जे.एन. माथुर की देखरेख में परीक्षा संपन्न कराई जाएगी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में इनपुट डीलर के लिए लाइसेंस बनवाने हेतु बीएससी एजी या बीएससी रसायन कि अहर्ता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जिन इनपुट डीलर्स के पास बीएससी कृषि या बीएससी रसायन की डिग्री नहीं है उनके लिए इनपुट डीलर्स डिप्लोमा अत्यंत आवश्यक है तभी उनका लाइसेंस बनेगा वह आगे नवीनीकरण भी उसी के आधार पर होगा। विश्वविद्यालय द्वारा यह तृतीय बैच चल रहा है। शीघ्र ही अगले वित्तीय वर्ष में दूसरा डिप्लोमा कोर्स शुरू किया जाएगा।