कानपुर। आईआईटी में बुधवार से स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजीज पर प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया गया। यह पांच दिवसीय कार्यक्रम 19 सितंबर 2021 को समाप्त होगा। पाठ्यक्रम का समन्वय आईआईटी कानपुर के इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर अंकुश शर्मा और प्रो आलोक रंजन वर्मा द्वारा किया जा रहा है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के उद्घाटन के साथ इंजीनियर दिवस भी मनाया गया। उद्घाटन समारोह में प्रो. एस. गणेश (उप निदेशक, आईआईटी कानपुर), प्रो. ए.आर. हरीश (डीन,अनुसंधान और विकास), प्रो. एस.सी. श्रीवास्तव (निदेशक, आईआईटीके-एलटीयू अनुसंधान अकादमी), डॉ. अंकुश शर्मा (प्रशिक्षण समन्वयक) और डॉ. आलोक रंजन वर्मा (प्रशिक्षण समन्वयक) उपस्थित रहे ।
इस पाठ्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्मार्ट ग्रिड टेक्नोलॉजी (एसजीटी) में विभिन्न अवधारणाओं और विकास के बारे में प्रतिभागियों को उपयोगिताओं और उद्योगों से परिचित कराना है। इससे उन्हें बिजली प्रणालियों की निगरानी और नियंत्रण में अधिक प्रभावी ढंग से मदद करने में आधुनिक सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) बुनियादी ढांचे की भूमिका को समझने में मदद मिलेगी। बिजली प्रणालियों में एसजीटी की पैठ में वृद्धि के साथ, बिजली व्यवस्था के वास्तविक समय के दृश्य, निगरानी और नियंत्रण की मांग बढ़ रही है। इसके अलावा, वर्तमान में बिजली क्षेत्र में नेटवर्क में विभिन्न स्तरों पर नवीकरणीय ऊर्जा, भंडारण, ईवी चार्जिंग स्टेशन, माइक्रोग्रिड, इंटेलीजेंट सेंसर और नियंत्रक, स्वचालन और स्मार्ट मीटरिंग की बढ़ती हिस्सेदारी देखी जा रही है। इसके लिए ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को साइबर-सुरक्षित उन्नत ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली (एईएमएस) और उन्नत वितरण प्रबंधन प्रणाली (एडीएमएस) उपकरणों की आवश्यकता होती है। प्रकृति में रुक-रुक कर होने वाले नवीकरणीय ऊर्जा की बड़ी पैठ प्रणाली की स्थिरता और बिजली की गुणवत्ता की चिंता पैदा करेगी जिसके लिए उचित कंपनसेशन और नियंत्रण की आवश्यकता होगी। पावर सिस्टम नेटवर्क के सामने आने वाली उपरोक्त चुनौतियों पर इस पाठ्यक्रम में विस्तार से चर्चा की जाएगी।