प्रयागराज। फिल्म अभिनेत्री ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने के बाद किन्नर अखाड़े में घमासान शुरू हो गया। अखाड़े के संतों की आपत्ति के बाद अखाड़े के संस्थापक ऋषि अजय दास ने किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को पदमुक्त कर दिया है। इस संबंध में एक पत्र भी जारी किया है। हालांकि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया है। कहा कि अजय दास को किन्नर अखाड़े से पहले ही निकाला जा चुका है, वह किस हैसियत से कार्रवाई कर सकते हैं।
बता दें, ठीक 7 दिन पहले बॉलीवुड एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महाकुंभ में पूरे विधि-विधान से महामंडलेश्वर बनाया गया था। ममता को नया नाम ‘श्रीया मायी ममतानंद गिरी’ भी मिल चुका था। लेकिन महज 7 दिन में किन्नर अखाड़े ने एक्ट्रेस से महामंडलेश्वर का ताज छीन लिया है। लेकिन ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर हुई इस कार्रवाई के पीछे सबसे बड़ा हाथ है हिमांगी सखी का, जिन्होंने पिछले 7 दिनों से इस पूरी घटना के बाद जमकर विरोध का झंडा उठा रखा था।
शुक्रवार को ममता कुलकर्णी पर किन्नर अखाड़े ने एक बयान जारी करते हुए इस पूरे एक्शन की वजह भी बताई। वहीं हिमांगी सखी ने ममता कुलकर्णी के पुराने रिकॉर्ड पर सवाल उठाते हुए इस नियुक्ति पर सवाल उठाया था। उनका कहना था, ‘किन्नर अखाड़ा, किन्नरों के लिए है, फिर एक स्त्री को महामंडलेश्वर क्यों बनाया गया? जिसका संबंध D कंपनी के साथ है, जो ड्रग्स के आरोप में जेल भी गई हैं, उसके बावजूद आप उन्हें दीक्षा दे रहे हैं?’
कौन हैं हिमांगी सखी?
हिमांगी सखी किन्नर अखाड़ा से संबंध रखने वाली एक बड़ा नाम है। वह देश की पहली किन्नर कथा वाचक भी हैं। साल 2024 लोकसभा चुनाव में हिमांगी सखी, पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी से चुनाव लड़ने ऐलान के बाद सुर्खियों में आईं थीं।