कानपुर। चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के अधीन संचालित सब्जी अनुभाग कल्याणपुर के वैज्ञानिक डॉक्टर संजीव कुमार सिंह ने सब्जी उत्पादक किसानों को एडवाइजरी जारी करते हुए बताया कि साग भाजी पौधशाला का प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कुछ सब्जियों के बीजों को सीधे खेत में बुवाई करते हैं। परंतु फूलगोभी, पातगोभी, गांठ गोभी, मिर्च, टमाटर, बैंगन, व प्याज की पौध तैयार करके रोपाई की जाती है। क्योंकि इन फसलों के बीज छोटे होते हैं। यदि इनकी सीधे बुवाई कर दी जाए तो फसल उत्पादन पर प्रतिकूल असर पड़ता है। उन्होंने बताया कि अच्छी फसल लेने के लिए पौधशाला में स्वस्थ पौध तैयार करना बहुत महत्वपूर्ण कार्य है। उन्होंने बताया कि सब्जी फसलों की पौध तैयार करने के बहुत लाभ होते हैं। सीधे बुवाई करने की अपेक्षा रोपाई करने में बीज बहुत कम लगता है साथ ही लागत भी कम आती है। उन्होंने बताया कि सब्जियों की शुरुआत विकास के दौरान विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। इनकी स्वस्थ व उन्नत पौध तैयार कर लेना ही आधी फसल उगाने के बराबर होता है डॉ. सिंह ने कहा कि स्वस्थ पौधे तैयार करना एक तकनीकी कार्य है जिसके लिए प्रत्येक स्थिति में विशेष जानकारी व देखरेख की आवश्यकता होती है। अच्छी स्वस्थ पौध अधिक पैदावार का मुख्य आधार है। उन्होंने यह भी बताया कि सब्जियों की उन्नत पौध तैयार कर एक स्वतंत्र व्यवसाय खड़ा कर अपनी आमदनी भी बढ़ा सकते हैं।
साग भाजी अनुभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. पी. के. सिंह ने बताया कि पौधशाला के प्रबंधन के लिए हल्की निराई गुड़ाई करते रहें। जिससे खरपतवार न पनपने पाएं। साथ ही रोपाई के 3 से 4 दिन पहले सिंचाई करना बंद कर दें तथा पौधों उखाड़ने के एक घंटा पहले हल्की सिंचाई कर दें ऐसा करने से जड़े नहीं टूटेगी। स्वस्थ पौधों का रोपण कार्य करें तत्पश्चात हल्की सिंचाई कर दें। जिससे सब्जियों की फसल से किसान को अच्छी आमदनी प्राप्त होगी।
