कानपुर नगर। अवैध असलहा रखने में आर्म्स एक्ट के तहत दोषी करार दिए गए यूपी सरकार में खादी एवं ग्रामोद्योग, रेशम उद्योग, हथकरघा, एवं वस्त्रोद्योग तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्री राकेश सचान को अपर मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट तृतीय आलोक यादव ने एक साल कैद और 1500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जमानत पर उनकी रिहाई हो गई। गौरतलब है कि वर्ष 1991 में पुलिस ने सचान के पास से अवैध रूप से रखा गया एक हथियार बरामद किया था। इस मामले में उनके खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत नौबस्ता में 13 अगस्त 1991 को तत्कालीन एसओ बृजमोहन उदेनिया ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उस वक्त वह समाजवादी पार्टी के नेता थे। आरोप था कि उनके पास से राइफल बरामद हुई है, जिसका लाइसेंस वह नहीं दिखा सके। इसी मामले में शनिवार को कोर्ट ने अभियुक्त राकेश सचान को दोषी करार दिया था।
सोमवार को अदालत में सजा पर सुनवाई पूरी हो गई है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने एक साल कैद और 1500 रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। जमानत देने पर उन्हें अपील के लिए रिहा कर दिया गया। रिहाई के बाद कैबिनेट मंत्री सचान ने कहा कि वह न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं लेकिन कोर्ट के फैसले के खिलाफ सेशन कोर्ट में अपील करेंगे।