कानपुर। कोविड संक्रमण के इस काल में गंभीर मरीजों को कोविड प्लाज्मा की आवश्यकता पड़ रही है। ऐसे में आई0एम0ए0 चैरिटेबल ब्लड बैंक के निरंतर प्रयास से प्लाज्मा डोनर, कोविड प्लाज्मा डोनेट कर रहे है। पिछले 20 दिनों में 42 लोगों ने प्लाज्मा डोनेट कर गंभीर मरीजों की जान बचाई है।
आई0एम0ए0 चैरिटेबल ब्लड बैंक द्वारा प्लाज्मा डोनर का डाटाबेस भी बनाया जा रहा है। इस डाटाबेस में कोई भी कोविड पाजिटिव व्यक्ति, जो प्लाज्मा डोनेट करना चाहता है, वह इस हेतु एक गूगल फार्म जिसका लिंक https://forms.gle/uUehvNm9JHq5VDiBA है, भर कर प्लाज्मा डोनेशन हेतु अपना रजिस्ट्रेशन करा सकता है। किसी भी समस्या के लिए वह ब्लड बैंक की टेक्निकल सुपरवाइजर अंजली, मो0 नं0-6307491422 से कॉल या व्हाट्सएप के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं। आई0एम0ए0 चैरिटेबल ब्लड बैंक मॉनिटरिंग कमेटी के कन्वीनर डॉक्टर प्रवीन कटियार से मो0 नं0 9415132492 पर व्हाट्सएप से संपर्क कर सकते हैं या फिर imacbbkanpur@gmail.com पर ईमेल कर सकते हैं। कोविड प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्तियों को ये बातें ध्यान में रखनी हैं, जैसे कि प्लाज्मा डोनर की पॉजिटिव रिपोर्ट के समय बुखार, खांसी, सांस में समस्या इत्यादि जैसे लक्षण होना आवश्यक है, अन्यथा दानी में एंटीबॉडी नहीं होंगी और रोगी को लाभ नहीं मिलेगा। प्लाज्मा डोनर, नेगेटिव (14 दिन बाद) की रिपोर्ट पर ही प्लाज्मा डोनेट करने का पात्र है। नेगेटिव रिपोर्ट के अभाव में लक्षण समाप्त होने के 28 दिन बाद वह प्लाज्मा दान कर सकता है। प्लाज्मा डोनर का वजन 55 किलो से अधिक होना चाहिए। प्लाज्मा डोनर की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष तक होनी चाहिए। प्लाज्मा डोनर की प्लेटलेट्स काउंट 1.5 लाख से कम नहीं होना चाहिए। प्लाज्मा डोनर की सीरम प्रोटीन 6 ग्राम प्रतिशत से कम नहीं होना चाहिए। वह महिला ही प्लाज्मा डोनेट कर सकती है जिसने गर्भ धारण नहीं किया हो।
शेष पात्रता रक्तदान करने हेतु मान्य आवश्यक सामान्य निर्देशों के अन्तर्गत आती है। जैसे कि, प्लाज्मा डोनर में पहले की एंटीबॉडी की मात्रा जानने के लिए उसे पहले एंटीबॉडी का टेस्ट करवाना व उसकी रिपोर्ट लाना आवश्यक है।
आई0एम0ए0 चैरिटेबल ब्लड बैंक, कानपुर ने अनुरोध भी किया है कि वे सभी व्यक्ति जिनमें कोरोना का संक्रमण ठीक हो चुका है, वे प्लाज्मा डोनेट करने लिए अपना पंजीकरण अवश्य कराएं, जिससे कि कोविड पॉजिटिव मरीजों के कोविड प्लाज्मा की पूर्ति हेतु कार्य किया जा सके और उनकी जान बचाई जा सके। इसके साथ ही रक्तदान की भी अपील करते हुए कहा है कि रक्तदान कम होने के कारण रक्त एवं उसके अवयवों का विभिन्न ब्लड बैंको में अभाव है। इस अभाव को दूर करने के लिए व्यक्तियों को स्वैच्छिक रक्तदान करना होगा। जिससे कि विभिन्न रोगों से ग्रस्त रोगियों की जान बचाई जा सके।