नई दिल्ली। आयुर्वेद के देवता कहे जाने वाले भगवान धन्वंतरि के जन्मदिन यानी धनतेरस के दिन राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस मनाया जाता है। जो सेहतमंद रखने का बेहतरीन जरिया है। इस वर्ष 7वां आयुर्वेद दिवस रविवार, 23 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। इस बार इसकी थीम ‘हर दिन हर घर आयुर्वेद’ रखी गई है। इसी थीम पर यह दुनिया भर में मनाया जा रहा है। जिसका अर्थ है आयुर्वेद रोज़ाना आयुर्वेद हर जगह।
इस वर्ष मंत्रालय इसे भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के सहयोग से मना रहा है ताकि देश के प्रत्येक व्यक्ति को भारत की इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति से अवगत कराया जा सके। इसका उद्देश्य आमजन के बीच स्वस्थ जीवन के लिए आयुर्वेद के महत्व के बारे में ज्ञान का प्रसार करना है।
राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस साल 2016 से हर साल धन्वंतरि जयंती यानी धनतेरस के अवसर पर मनाया जाता है। आयुर्वेद को आधुनिक समय में समान रूप से प्रासंगिक चिकित्सा की सबसे प्राचीन और अच्छी तरह से प्रलेखित प्रणाली के रूप में माना जाता है। स्वस्थ व्यक्तियों के लिए या रोग ग्रस्त लोगों के लिए इसका समग्र दृष्टिकोण अद्वितीय है। आयुर्वेद का मुख्य उद्देश्य रोगों की रोकथाम और स्वास्थ्य को बढ़ावा देना है। भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का दैवीय प्रचारक माना जाता है. उन्हें स्वास्थ्य और धन का देवता माना जाता है. इसलिए, आयुर्वेद दिवस के उत्सव को धन्वंतरि जयंती के दिन मनाया जाता है।