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एआई सॉल्यूशंस फॉर सस्टेनेबल सिटीज पर आईआईटी कानपुर में शुरू हुआ राष्ट्रीय सम्मेलन

कानपुर। सस्टेनेबल सिटीज के लिए अभिनव एआई समाधानों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान कानपुर में सोमवार को शुरू हुआ। जिसमें भविष्य के शहरों को आकार देने में आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (AI) की भूमिका का पता लगाने के लिए विचारकों, शोधकर्ताओं, नीति निर्माताओं और उद्योग विशेषज्ञों ने प्रतिभाग किया। एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (AIU), कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी आईआईटी कानपुर और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय (CSJMU), कानपुर द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य AI-संचालित शहरी शासन, बुनियादी ढांचे और स्थिरता पर चर्चा को आगे बढ़ाना है।

सम्मेलन का औपचारिक उद्घाटन मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने किया। उनके साथ प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, निदेशक आईआईटी कानपुर, कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन प्रो. सच्चिदानंद त्रिपाठी और छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक भी मौजूद रहे।

इस सम्मेलन के महत्व पर बोलते हुए, प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल, निदेशक आईआईटी कानपुर ने कहा, “बढ़ती आबादी और सीमित संसाधनों के साथ, यह सुनिश्चित करना बहुत ज़रूरी है कि हमारे बढ़ते शहर टिकाऊ हों। आईआईटी कानपुर में, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में हमारी गहरी विशेषज्ञता के साथ, हम स्मार्ट और ज़्यादा टिकाऊ शहर बनाने के लिए इसकी शक्ति का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। शिक्षा, उद्योग और नीति के संगम पर इस आयोजन के ज़रिए, मुझे उम्मीद है कि हम समाज को लाभ पहुँचाने के लिए एआई-संचालित ठोस समाधान प्राप्त करने के एक कदम और करीब पहुँच गए हैं, जिससे शहर ज़्यादा कुशल और रिज़िल्यन्ट बनेंगे।”

कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी के डीन और आईआईटी कानपुर में एआई सीओई फॉर सस्टेनेबल सिटीज के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी ने कहा “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में शहरी स्थिरता की चुनौतियों का समाधान करने की अपार क्षमता है। एआई का लाभ उठाकर, हम संसाधन प्रबंधन को बढ़ा सकते हैं, बुनियादी ढांचे को अनुकूलित कर सकते हैं, और ऐसे स्थायी शहर बना सकते हैं जो तेजी से हो रहे शहरीकरण की जटिलताओं के प्रति लचीले हों। कोटक स्कूल ऑफ सस्टेनेबिलिटी में, हम इस परिवर्तनकारी यात्रा में योगदान करने, एक स्मार्ट, हरित भविष्य के लिए अनुसंधान और व्यावहारिक समाधानों को जोड़ने के लिए उत्साहित हैं।

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में नेशनल बोर्ड ऑफ एक्रिडिटेशन (एनबीए) के अध्यक्ष डॉ. अनिल सहस्रबुद्धे शामिल थे, जिन्होंने सतत शहरी विकास को आगे बढ़ाने और बुनियादी ढांचे की दक्षता बढ़ाने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने सस्टेनेबिलिटी में एआई के नवीन अनुप्रयोगों, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDGs) के साथ इसके तालमेल तथा मेट्रो शहरों और स्मार्ट सिटी परियोजनाओं को बदलने की इसकी क्षमता पर चर्चा की।

चेतन सावला, सस्टेनेबिलिटी हेड, कोटक महिंद्रा बैंक ने ESG (एनवायरमेंटल, सोशल एंड गवर्नेंस) सिद्धांतों के बढ़ते महत्व पर जोर दिया और बताया कि कैसे सस्टेनेबिलिटी आज व्यापार और बैंकिंग प्रथाओं में गहराई से अंतर्निहित हो रही है।

दोपहर के सत्रों में पिच बैटल शामिल थे, जहाँ चार स्टार्टअप ने सार्थक बदलाव लाने की क्षमता वाले अभिनव विचारों और समाधानों का प्रदर्शन किया। इन सत्रों में भारत सरकार के नीति आयोग की कार्यक्रम निदेशक अन्ना रॉय का मुख्य भाषण भी शामिल था, जिन्होंने विकसित भारत पहल के तहत नवाचार और शहरी विकास को बढ़ावा देने में संगठन की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने शहरी केंद्रों को गतिशील विकास केंद्रों में बदलने और सतत और समावेशी विकास के लिए शहरीकरण का दोहन करने के लिए रणनीतिक रोडमैप की रूपरेखा तैयार की।

इसके अतिरिक्त, आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रो. के.के. पंत ने वैश्विक अपशिष्ट उत्पादन परिदृश्य और इस चुनौती से निपटने में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एआई एक स्थायी समाज के निर्माण में योगदान दे सकता है, उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था बढ़ती है, वैसे-वैसे ऊर्जा की मांग भी बढ़ेगी, जिससे अपशिष्ट प्रबंधन और ऊर्जा दक्षता के लिए अभिनव, एआई-संचालित समाधानों को अपनाना आवश्यक हो जाता है।

ग्रीनमैन ब्लैक के संस्थापक और सस्टेनेबिलिटी एवं डिजाइन के उपाध्यक्ष कोरी ग्लिकमैन ने स्थानीय बुनियादी ढांचे में टिकाऊ प्रथाओं और एआई एकीकरण पर एक व्यावहारिक सत्र दिया। उन्होंने चर्चा की कि कैसे बेहतर सिस्टम दक्षता और जीवन स्तर को बढ़ा सकते हैं, और कैसे ये नवाचार आर्थिक विकास को गति देंगे। उन्होंने कहा कि भारत के प्रभावशाली समाधानों का इतिहास देश को वैश्विक सतत विकास में अग्रणी स्थान पर रखता है।

हर्षित मिश्रा, स्टार्ट अप सीईओ सीएसजेएमयू इनक्यूबेटर ने समापन भाषण देते हुए पहले दिन की मुख्य जानकारियों का सारांश दिया। उन्होंने प्रभावशाली चर्चाओं पर प्रकाश डाला और एआई-आधारित शहरी परिवर्तनों को आगे बढ़ाने में सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दूसरे दिन और भी अधिक आकर्षक सत्र, कार्यशालाएं और सहयोगात्मक संवाद आयोजित किए जाएंगे, जिनका उद्देश्य शहरी विकास के लिए स्थायी एआई समाधानों को आगे बढ़ाना है।

इस कार्यक्रम में देश भर के विश्वविद्यालयों के लगभग 25 कुलपतियों, 35 उच्च शैक्षणिक लीडरों, सस्टेनेबिलिटी के क्षेत्र में सक्रिय 35 स्टार्टअप्स की प्रभावशाली भागीदारी देखी गई, जिनमें से लगभग 15 ने अपनी प्रौद्योगिकियों और उत्पादों का प्रदर्शन किया और लगभग 15 स्थानीय उद्योगों ने भी इसमें भाग लिया।

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