बाँदा। कोरोना महामारी के चलते उन गरीब परिवारों के सामने रोटी का संकट आ गया है जो मेहनत मज़दूरी कर किसी प्रकार से अपना भरण पोषण कर रहे थे। उन महिलाओं के सामने भी रोटी का संकट आ गया, जिनके पति ने उन्हें त्याग दिया या फिर शराब में सारे पैसे खर्च कर दिए। ऐसे में कानपुर की सामाजिक संस्था श्रमिक भारती ने अतर्रा और नरैनी क्षेत्र में काम कर रही संस्था विद्या धाम समिति के माध्यम से गरीब परिवारों के दर्द को समझते हुए रविवार को अतर्रा क्षेत्र के गांव कुचबंधिया पुरवा के 50 लोगों को राशन किट वितरित की। जिसमे 25 किलो आटा, 5 किलो चावल, 1 लीटर सरसों का तेल, 4 किलो दाल, 1 किलो शक़्कर, मास्क आदि दिया गया।
इस अवसर पर विद्या धाम समिति के सचिव राजा भइया मौजूद ने कहा कि कुचबंधिया पुरवा में गरीबी का हाल देखकर सबसे कमज़ोर 50 परिवारों को चिन्हित किया। उन्होंने कहा बहुत से ऐसे परिवार हैं जिनके पास अभी भी राशन कार्ड नहीं हैं, जिससे सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। श्रमिक भारती संस्था के सीईओ राकेश पांडेय ने कहा कि सक्षम संस्थाओं एवं लोगों को ऐसे गरीब परिवारों की मदद करते रहना चाहिए।
राशन किट पाने वालों के चेहरे पर ख़ुशी साफ़ नज़र आई, उन्होंने कहा कि कुछ दिनों के लिए चूल्हा जलने का इंतज़ाम तो हो गया। दुधमुंहे बच्चे को लेकर आई गुड़िया सहित सभी ने बताया कि उनके पास राशन कार्ड नहीं हैं जिससे उनको सरकारी फ्री राशन नहीं मिल पा रहा है। गुड़िया ने बताया कि उसका शराबी पति जब राशन ले आता है तो खाना बनता है नहीं तो भूखे ही रह जाते हैं। ऐसे ही तीन बच्चों माँ शाहीन ने बताया कि पति के छोड़ने के बाद किसी तरह लिफाफा बना कर काम चला रही थी, लेकिन लॉकडाउन में काम बंद होने से परेशानी हो रही है। यह राशन मिलने से कुछ राहत ज़रूर मिलेगी। संतोष, राम कृपाल, शिव पूजन, शिव प्यारी, अनुसुइया आदि ने भी राशन कार्ड न होने की बात बताई। इस अवसर पर मीडिया कंसल्टेंट नीरज सचान, विद्या धाम समिति के सामाजिक कार्यकर्ता मीरा राजपूत, अर्चना, मुबीना, सुरेश, माता दयाल, शिव कुमार मौजूद रहे।